भाद्रपद शुक्ल १३, कलियुग वर्ष ५११५
|
नई दिल्ली – सेतु समुद्रम परियोजना पर केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार की आपत्तियों को खारिज कर दिया है। केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में २५००० करोड़ रुपये की इस परियोजना पर आगे बढ़ने की मंशा जाहिर की। साथ ही कहा कि आरके पचौरी की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति अपनी रिपोर्ट में तर्कसंगत और वैज्ञानिक आंकड़ें नहीं रख पाई। केंद्र के इस रुख का द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि ने स्वागत किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अच्छे फैसले की उम्मीद जताई।
तमिलनाडु सरकार ने कहा था कि विवादास्पद परियोजना को निरस्त कर दिया जाना चाहिए और केंद्र को समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करना चाहिए। समिति ने पाया था कि समूची परियोजना आर्थिक और पर्यावरण के मोर्चे पर अव्यावहारिक है। राज्य सरकार की दलील थी कि परियोजना से समुद्री जैव विविधता को खतरा है। साथ ही केंद्र को रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का निर्देश दिए जाने की भी मांग की गई थी। इसके जवाब में केंद्र ने कहा कि सभी तर्कसंगत कारकों की जांच के बाद ही इस परियोजना को पर्यावरण मंजूरी दी गई। यह परियोजना जनहित और आर्थिक मोर्चे पर लाभप्रद साबित होगी। जहाजरानी मंत्रालय की तरफ से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि समिति के निष्कर्ष मनमाने तरीके से निकाले गए हैं और विरोधाभासी भी हैं। वहीं राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग पर कहा गया है कि इस संबंध में कोई पुरातात्विक शोध उपलब्ध नहीं हैं।
स्त्रोत : जागरण