भाद्रपद पूर्णिमा , कलियुग वर्ष ५११५
शिवसेना पक्षप्रमुख श्री. उद्धव ठाकरे |
मुंबई – शिवसेनाके हाथमें भवानी तलवार है तथा श्री. मोदीके हाथमें रणसिंघा । जात्यंध तथा राजनैतिक बापदादाओंको गाडने हेतु ये पर्याप्त हैं । श्री. मोदीका हमने खुले दिलसे समर्थन किया है; क्योंकि इस देशके हिंदुओंको प्रेरणा मिले, उनकी बाजुओंमें चैतन्य जागृत हो, यही हमारी इच्छा है । सच्चे अर्थोंमें शिवसेनाप्रमुख ही हिंदूहृदयसम्राट थे; उन्हें सत्ताका मोह नहीं था; अपितु देहलीके सिंहासनपर प्रखर कट्टर हिंदुत्ववादी ही विराजमान हो, यह उनका विचार था ।
श्री. मोदी प्रखर हिंदुत्ववसे नाता न तोडें तथा हिंदुत्वके साथ समझौता न करें, बस इतनी ही अपेक्षा हम रखते हैं, १६ सितंबरके दैनिक सामनाके संपादकीयसे शिवसेना पक्षप्रमुख श्री. उद्धव ठाकरेने ऐसा मत व्यक्त किया है ।
वे आगे लिखते हैं –
१. श्री. मोदीके नामकी घोषणाके पश्चात दिवाली मनाई गई; किंतु कांग्रेसने कहा कि दिवालीका कहीं अता-पता नहीं तथा आनंदोत्सव मनाया जा रहा है । उनकी सोच ठीक है, क्योंकि कांग्रेसके कार्यकालमें त्यौहार मनाने जैसी स्थिति नहीं रही । महंगाई, भ्र्रष्टाचार एवं दंगोंके कारण सामान्य जनताके जीवनसे त्यौहार तथा आनंद खो/लुप्त हो गए हैं । सामान्य मध्यमवर्गीय जनताने मोदीके चुने जानेका स्वागत किया है, केवल इसीसे वे आधी लडाई जीत गए हैं ।
२. गुजरातमें २००२ में हुए दंगोंके लिए श्री. मोदीको उत्तरदायी होनेकी बात कही जाती है । तो आज उत्तरप्रदेशके मुजफ्फरनगरमें जो हिंदू-मुसलमान दंगे चल रहे हैं, तदुपरांत भी मुलायमसिंहके पक्षसे देहलीमें कांग्रेसकी मिलीभगत है ना ? असममें दंगे चल रहे हैं तथा वहां कांग्रेसकी सत्ता है । जम्मू स्थित किश्तवाडमें हिंदुओंके कत्ल हुए तथा वहां कांग्रेसकी सहायतासे अब्दुल्ला पक्षका राज स्थापित है । तो इन दंगोंके आरोपोंके कारण किसीके निधर्मीपनके चोलेपर छींटे क्यों न पडे ? अधनंगे, नंगे तथा पाखंडी निधर्मीवादियोंको इसका भी उत्तर देना आवश्यक है ।
३. वर्तमानमें देशमें आर्थिक अराजकता फैल गई है तथा हिंदुस्थानका रुपया मरणासन्न अवस्थामें अर्थीपर लेटा है । श्री. मोदी इसके उत्तरदायी नहीं हैं ।
४. आज देशका जिहादी मुंहजोर हो गया है तथा वह पाकिस्तानसे नाता जोडकर हिंदुओंके विरुद्ध षड्यंत्र रच रहा है । धर्मके नामपर चाहे जैसा बर्ताव करें, उपद्रव मचाएं, उन्हीं जिहादीको गोदमें बिठाकर हिंदुओंको लातोंसे पीडित करना ही आपका निधर्मीपन है, तो हिंदुओंको भी जैसेको तैसा उत्तर देने हेतु राजकीय लडाईका रणसिंघा फूंकना पडेगा तथा उसी विचारसे हमने श्री. मोदीके हाथमें वह रणसिंघा दिया है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात