अश्विन कृष्ण २ , कलियुग वर्ष ५११५
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लखनऊ – मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी विधायकों की गिरफ्तारी को लेकर कई दिनों तक चले हाईप्रोफाइल ड्रामे के एक दृश्य का शुक्रवार को पटाक्षेप हो गया। शामली जिले के थाना भवन क्षेत्र से भाजपा विधायक सुरेश राणा को शाम पांच बजे के करीब पुलिस ने राजधानी के गोमतीनगर और हजरतगंज इलाके की सीमा पर गिरफ्तार कर लिया।
राणा को भी अपनी गिरफ्तारी का अंदेशा था और सरकार ने शुक्रवार को सदन में उन्हें अपनी सफाई का मौका भी दिया गया। वैसे इस बात की आधिकारिक घोषणा शुक्रवार को ही कर दी गयी थी कि सदन समाप्त होने के बाद विधायकों की गिरफ्तारी होगी।
हुकुम सिंह की मौजूदगी के बावजूद उनकी ओर से पुलिस नजरे घुमाए रही, लेकिन भाजपा के दो और विधायक संगीत सोम और भारतेंदु सिंह शुक्रवार को सदन में नहीं आए। दोनों पर पुलिस की नजरें लगी हैं और उनकी भी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।
शुक्रवार को एनेक्सी के मीडिया सेंटर में राणा की गिरफ्तारी की घोषणा एडीजी/आइजी कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा और गृह सचिव सर्वेश चंद्र मिश्र ने की। बताया मुजफ्फरनगर पुलिस ने राणा की गिरफ्तारी के लिए लखनऊ पुलिस से सहयोग मांगा था। राणा को दफा १८८ (१४४ का उल्लंघन), १५३ क (धर्म जाति के बीच विद्वेष की भावना भड़काना), ४३५ (आगजनी), ३५३ (सरकारी कार्य में बाधा) और सेवेन क्रिमिनल लॉ अमेडमेंट के तहत गिरफ्तार किया गया है। मुजफ्फरनगर जिले के उपनिरीक्षक और मामले के विवेचक हरपाल सिंह ने राणा को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर ट्रवेल्स रिमांड मांगा है। शनिवार को मुजफ्फरनगर में उन्हें संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
पुलिस के जाल में उलझ गये राणा भाजपा विधायक सुरेश राणा को पुलिस ने उनकी ही तरकीब से मात दी। बुधवार को वह भाजपा के जिस पिछले दरवाजे से निकल गये थे, उसी दरवाजे पर छूट देकर उनकी घेरेबंदी की गयी। हुआ यह कि राणा सदन से निकलकर सीधे भाजपा कार्यालय गये। वहां मुख्य गेट पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।
राणा के लोगों ने यह बताया कि पिछले गेट पर पुलिस नहीं लगी है। लिहाजा वह फौरन पीछे से निकल पड़े। सादे कपड़ों में वहां कुछ पुलिसकर्मी तैनात थे। राणा हजरतगंज से गोमतीनगर के लिए निकले। अभी समतामूलक चौराहे पर पहुंचते इसके पहले पुलिस ने उनकी घेरेबंदी कर ली और गाड़ी से उतारकर गिरफ्तार कर लिया।
स्त्रोत : जागरण