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प.पू. आसारामबापूजीकी अपकीर्तिके निषेधार्थ संतजनोंद्वारा क्षात्रविचारोंका प्रक्षेपण !

अश्विन कृष्ण १ , कलियुग वर्ष ५११५


बायीं ओरसे स्वामी चक्रपानी महाराज, शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती, पू. श्री. नारायण साई, श्री. सुरेश चौहाणके, स्वामी देवेंद्रगिरीजी महाराज एवं श्री. अभय वर्तक
  • ७ सहस्र भक्तजनोंकी उपस्थिति !

  • संस्कृतिद्रोहियोंके विरुद्ध उपस्थित संतजनोंद्वारा संगठित विरोध !

मुंबई : ३ सितंबरको योगवेदांत सेवा समितिके संतश्री प.पू. आसारामबापूजीको कथित लैंगिक अत्याचारके आरोपके नामपर बंदी बनानेका कांग्रेसप्रणीत षडयंत्र रचा गया । समय रहते ही प.पू. बापूजीकी अपकीर्ति कर हिंदू धर्मपर आघात करनेका षडयंत्र जानकर १९ सितंबरको आजाद मैदानमें देशकी संतमंडली संगठित हुई । इस अवसरपर उन्होंने प.पू. बापूजीको तत्काल मुक्त करनेकी मांग की । साथ ही कांग्रेसप्रणीत इस षडयंत्रके विरुद्ध क्षात्रविचार प्रस्तुत किए तथा प.पू. बापूजीकी अपकीर्ति करनेवाले प्रसारमाध्यमोंको भी भली-भांति फटकारा । इस अवसरपर प.पू. बापूजीके सहस्रों साधक उपस्थित थे ।


उपस्थित महिला भक्तजन

पिछले ५ दिनोंसे प.पू. बापूजीके भक्तोंद्वारा अनशन !

संतश्री प.पू. आसारामबापूजीको कथित लैंगिक अत्याचारके आरोपके नामपर बंदी बनाया गया । इसके निषेधार्थ प.पू. बापूजीके भक्त श्री. अनिलभाई मंगवानी एवं श्री. धीरूभाई विठ्ठलभाई पिछले ५ दिनोंसे आजाद मैदानमें अनशनके लिए बैठे हैं एवं केवल जलप्राशन कर रहेहैं । प.पू. बापूजीके लिए वे निरंतर नामजप भी कर रहे हैं ।

प.पू. बापूजीसे भक्तोंको अलग करनेका सपना छोड दें ! – पू. श्री नारायण साई

वर्तमान समयमें मनमें बहुत दुख हो रहा है । यह पीडा केवल देश-विदेशके हिंदुओंमें ही नहीं, अपितु बापूजीके पारसी एवं मुसलमान भक्तोंमें भी यही पीडा है । पिछले दिनों अत्यधिक झूठे समाचार प्रसारित किए गए । उसमें एक समाचार गुरुकुलमें पढनेवाली लडकियोंमेंसे २० लडकियोंकी आत्महत्या करनेके संदर्भमें था । यदि ऐसा हुआ है, तो उन लडकियोंके अभिभावक क्यों मौन रहे ? यदि यह सत्य होगा, तो मैं उनके घरमें बर्तन घिसूंगा । यदि सुनीसुनाई बातोंकी सत्यता न जांचकर प्रसारमाध्यम समाचार दिखाने लगे, तो वे अपनी विश्‍वसनीयता गवां बैठेंगे । माध्यमोंको अगले १५ दिनतक कुछ अच्छे कार्योंके समाचार बताने चाहिए, जिससे समाजमें अच्छे भाव प्रकट होंगे । क्या एक ढोंगीद्वारा लाखों-करोडों भक्तजनोंका जीवन उज्ज्वल करनेका ४० वर्षोंका कार्य संपन्न हो सकता है ? ४०० आश्रम निर्माणहो सकते हैं ? क्या एक लडकीके आरोप लगा देनेसे इस कार्यका नाश होगा ? प.पू. बापूजीके आश्रमको ताला नहीं लगाया जा सकता; क्योंकि करोडों लोगोंके घरोंमें उनके आश्रम आरंभ हो गए हैं ।

जादूटोनाविरोधी कानूनका भी दुरुपयोग होगा । इससे पूर्व ‘धार्मिक भावना भंग प्रतिबंध कानून’ होना चाहिए । ‘कालाजादू,’ ‘तांत्रिक क्रिया’ इन सब चीजोंसे हमारालेशमात्र भी संबंध नहीं है । सर्वोच्च न्यायालयने वैसा निर्णय दिया है । जिस समय चुनाव पास आते हैं, उस समय प.पू. बापूजीपर आरोप लगाए जाते हैं । अतः सरकार एवं प्रसिद्धिमाध्यमसेमेरी विनती है कि समाजको संभ्रमित न करें । साधकोंको प.पू. बापूजीसे दूर करनेके सपने देखना छोड दें ! जिस समय शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वतीको बंदी बनाया गया था, उस समय प.पू. बापूजीने भविष्यवाणीकी थी कि मेरे विरोधमें षडयंत्र रचा जा रहा है । बंदी बनानेसे १५ दिन पूर्व प.पू. बापूजीने कहा था कि मुझे कारागृहमें जाना पडेगा । प.पू. बापूजीकी इच्छाके बिना उन्हें कोई हाथ नहीं लगा सकता । प.पू. बापूजीका कारागृहमें जाना भी एक ईश्‍वरीय लीला ही है ।


उपस्थित पुरुष भक्तगण

संतोंपर होनेवाले आघातोंके विरुद्ध लडने हेतु आध्यात्मिक शक्ति बढानी चाहिए ! – श्री काशीसुमेरू पीठके शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज

अनादि कालसे भारतमें संतजन, आस्था तथा श्रद्धाओंपर आक्रमण हो रहे हैं । देशकी जनताको नास्तिक बनाकर यहां पश्चिमी संस्कृति स्थापित करनेका षडयंत्र रचा जा रहा है; परंतु जबतक संत हैं; तबतक ये षडयंत्र कदापि सफल नहीं होंगे । संत ज्ञानेश्‍वर महाराजतथा छत्रपति शिवाजी महाराजने ऐसे लोगोंको पाठ पढाया था । अतः हम सभीको ऐसे संकटोंका सामना करने हेतु आध्यात्मिक साधना बढानी चाहिए । तभी हम सक्षमतासे उसका प्रतिकार कर सकते हैं । १०० करोड हिंदुओंके आस्थास्रोतोंको आहत करनेवाले आतंकवादविरोधी दलके अधिकारी आतंकवादियोंके हाथों मारे गए । हिंदू समाजके संतोंके सम्मानका अनादर करनेवाले व्यक्तियोंको ऐसा ही दंड मिलता है । यदि हम अपराधी हैं, तो हमें दंड दें; परंतु बिना कारण अपकीर्ति क्यों करते हो ? सत्य कभी नहीं छिपता । १२५ करोड जनताके लिए संतोंको आतंकवादी कहा गया, तो भी हमें उसमें कोई रुचि नहीं है । यदि जाति एवं धर्मके नामपर जनताको लडाने तथा संतोंका अनादर करनेके षडयंत्रको रोका नहीं गया, तो संत एवं भक्त संगठित होकर इसका प्रतिकार करेंगे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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