सारणी
१. दंगेके पूर्व धर्मांध तथा देशद्रोही धर्मांधोने की सिद्धता
२. हिंदू युवकको मारपीट कर दंगा आरंभ करनेवाले धर्मांध !
३. धर्मांधोकी गोलीबारीमें दर्शककी भूमिका लेकर देखनेवाली कानूनद्रोही पुलिस !
४. दंगा करनेवाले धर्मांधोका समर्थन करनेवाले धर्मांध मंत्री !
५. धर्मांधोंको गृहमंत्रीके रिश्तेदारके शस्त्रास्त्रोंकी दुकान लूटनेकी खुली छूट !
धर्मांधोने हिंदुओंके घरों तथा दुकानोंकी की हानि
कुछ दिन पूर्व उत्तरप्रदेशके मुजफ्फरनगरमें धर्मांधोने हिंदुओंपर आक्रमण कर दंगा किया । इसमें ४१ लोग मारे गए; किंतु इससे पहले ९ अगस्त २०१३ को ईदकी नमाजके पश्चात जम्मू एवं कश्मीर राज्यके किश्तवाडमें धर्मांधोने पाकिस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्थान मुर्दाबाद, ऐसी घोषणा करते हुए हिंदुओंपर आक्रमण किया था । ८ घंटे चले इस आक्रमणमें धर्मांधोंने हिंदुओंके घरतथा दुकानोंमें आग लगाई । इसमें हिंदुओंकी प्रचुर हानि हुई । दो हिंदू मारे भी गए । हिंदुओंकी ६९ सवारी, ९० दुकानें तथा ७ उपाहारगृह संपूर्ण उद्ध्वस्त किए गए । हिंदुओंकी लगभग ८० कोटि रुपयोंकी हानि हुई । देशद्रोही धर्मांधोके किए आक्रमणके विषयमें स्थानीय हिंदुओंकी दी जानकारी संकलित कर प्रसिद्ध कर रहे हैं ।
१. दंगेके पूर्व धर्मांध तथा देशद्रोही धर्मांधोने की सिद्धता
१ अ. जिहादी आतंकवादियोंकी मौतके दंडका बदला लेने हेतु सशस्त्र लडाई हेतु सिद्ध रहनेके लिए धर्मांधोनोंको खुला आवाहन !
ईद-उल-फितरके कुछ दिन पूर्व लश्कर-ए-तोयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन पाकपुरस्कृत इन जिहादी आतंकवादी संगठनोंने मौतके दंड पाए जिहादी आतंकवादी मुहम्मद अफजल, मकबूल बट्ट तथा शबीर शहाके छायांकित भित्तीपत्रक किश्तवाडके जामिया मस्जिदके बाहर चिपकाए थे । इन भित्तीपत्रकोंके माध्यमसे अफजल तथा शबीरकी हत्याका बदला लेने हेतु धर्मांध युवकोंको सशस्त्र लडाई करनेके लिए सिद्ध रहनेका आवाहन ही किया गया था ।
( देशद्रोही धर्मांध इस प्रकार भित्तीपत्रक चिपकाते हैं, और स्थानीय पुलिस एवं गुप्तचर विभागको इसकी कुछ भी जानकारी नहीं होती, ऐसा कैसे कह सकते हैं ? ११ अगस्त २०१२ को मुंबईके आजाद मैदानमें देशद्रोही धर्मांधोनोंद्वारा किए दंगेके समय भी उन्होंने कुछ दिन पूर्व धर्मांधबहुल क्षेत्रमें इस संदर्भमें भित्तीपत्रक लगाकर आपत्तिजनक लिखाई प्रसिद्ध की थी । उस समय भी पुलिसने केवल दर्शककी भूमिका अपनाई थी, तदुपरांत पुलिसको ही मार खानी पडी थी । भारतमें देशद्रोही धर्मांध हिंसा करते हुए अथवा वैसा करनेका नियोजन प्रसिद्ध करनेपर भी पुलिस तथा शासनकर्ता निष्क्रिय रहते हों, तो हिंदू अब शासनकर्ताओंको सत्ताच्युत करें तथा अपनी रक्षा हेतु निरंतर सिद्ध रहें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१ आ. बिहारी हिंदुओंको किश्तवाड छोडकर जाने हेतु धर्मांधो द्वारा धमकियां !
ईदके पंद्रह दिन पूर्व पूरे प्रांतमें धर्मांध युवकोंके गुट रातको शोर मचाते थे । मुखौटा पहनकर गुंडे घर लूटने हेतु आ रहे हैं, ऐसा वे चिल्लाते थे । ऐसी अफवाह फैलानेके पीछे क्या षड्यंत्र था, यह बादमें पता चला । किश्तवाडमें काम करनेवाले बिहारी हिंदू मजदूरोंको किश्तवाड छोडकर न जानेपर कठिन परिणामोंका सामना करना पडेगा, ऐसी धमकी दी गई थी ।
१ इ. दंगेके पूर्व हिंदू महिलाओंकी कैलाश यात्राका जुलूस रोकनेवाले धर्मांध !
संग्रामभट्टमें हिंदू महिलाओं द्वारा आयोजित कैलाश यात्रा जुलूस रोककर इन लोगोंने आक्रमणके संकेत दिए थे । किश्तवाडमें होनेवाले धोखेकी कल्पना स्थानीय प्रशासनको थी; किंतु उस ओर दुर्लक्ष किया गया । परिणामस्वरूप देशविरोधी शक्तियोंने ईदके अवसरपर अबतककी सर्वाधिक विध्वंसक जातीय दंगेको प्रत्यक्ष परिणाम दिया ।
(जम्मू एवं कश्मीर प्रशासनमें बहुसंख्य धर्मांध होनेका परिणाम ! हिंदुओ, सर्वधर्मसमभावके नामपर आपका देश आपसे छीनकर यह उसका इस्लामीकरण करनेका षड्यंत्र है । कश्मीर धर्मांधबहुल राज्य हो गया है । वहां केवल भारतीय सेना होनेके कारण वह भारतका हिस्सा है, ऐसा कहा जाता है । यदि सेना न हो, तो कश्मीर पाकके हाथमें जाएगा, यही सच है । यह स्थिति देख आपके चेहरेपर गांधी-नेहरू घरानोंसे पहनाया गया सर्वधर्मसमभावका हिंदूद्रोही बुरखा फाडकर देशको हिंदू राष्ट्र बनाने हेतु सिद्ध हो जाओ ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
२. हिंदू युवकको मारपीट कर दंगा आरंभ करनेवाले धर्मांध !
ईदके दंगेके दिन किश्तवाड स्थित धर्मांधबहुल संग्रामभट्ट, उल्लार, रोही तथा बंदारना गांवके धर्मांधोने पाकके समर्थनमें घोषणा करते हुए विशाल मोर्चाका आयोजन किया । इन धर्मांधोके हाथोंमें शस्त्र तथा पेट्रोलकी बोतलें थीं । मोर्चा वसार एवं कुलीद इन हिंदूबहुल गांवोंकी ओर मोडा गया । उन्होंने एक हिंदू युवककी बिनाकारण पिटाई कर दंगेका प्रारंभ किया ।
३. धर्मांधोकी गोलीबारीमें दर्शककी भूमिका लेकर देखनेवाली कानूनद्रोही पुलिस !
तत्पश्चात देशद्रोहियोंने कुलीद चौक स्थित हिंदुओंके घर तथा दुकान जलाए । कुलीद चौक स्थित धर्मांधोके घरोंसे गोलीबारी आरंभ हुई । इस गोलीबारीमें अरविंद भगत नामका युवक वहीं ढेर हो गया । वहां नियुक्त पुलिसने दर्शककी भूमिका अपनानेके अतिरिक्त कुछ भी नहीं किया । (हिंदुओ, ऐसी पुलिसके नाम सनातन प्रभातको भेजें ! हिंदू राष्ट्रमें ऐसी पुलिसको अधिनियमानुसार कठोर दंड दिया जाएगा ! कलतक लाठी-काठी, तलवारोंसे हिंदुओंपर आक्रमण करनेवाले धर्मांध अब बंदूकोंका उपयोग करने लगे हैं । हिंदुओ, इन आक्रमणोंसे आप अपनी रक्षा कैसे करनेवाले हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. दंगा करनेवाले धर्मांधोका समर्थन करनेवाले धर्मांध मंत्री !
राज्यके गृहमंत्री सज्जद अहमद किचलू घटनास्थलपर उपस्थित थे । मंत्रियोंके साथ उपस्थित सत्ताधारी पक्षके कार्यकर्ताओंने पुलिसको दंगेखोर धर्मांधोपर गोलियां चलानेसे मना किया । पुलिस भी दंगेखोर धर्मांधोको खुला छोडकर वहांसे खिसक गई । (कितने हिंदू मंत्री धर्मांधोके हिंदुओंपर आक्रमण करनेपर हिंदुओंको बचाने हेतु प्रयास करते हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५. धर्मांधोंको गृहमंत्रीके रिश्तेदारके शस्त्रास्त्रोंकी दुकान लूटनेकी खुली छूट !
धर्मांधोंकी लूट चल रही थी । हिंदुओंके घर तथा दुकान जलाए जा रहे थे । लगभग ८ घंटे यह लूट चली थी । गृहमंत्रीके रिश्तेदारके शस्त्रास्त्रोंकी दुकानसे धर्मांधोको बंदूके लूटनेकी पूरी छूट दी गई थी ।
६. केंद्र प्रशासनको सेनाद्वारा दंगेपर नियंत्रण प्राप्त करनेकी अनुचित जानकारी देनेवाले देशद्रोही नैशनल कॉन्फरेन्स तथा संयुक्त कांग्रेसके शासनकर्ता !
हिंदुओंकी बस्तियोंमें गोलियां चलाई जा रही थीं । हिंदुओंको घरोंमें बंद कर घर जलाए जा रहे थे । राज्यका प्रशासकीय तंत्र पूरी तरहसे निष्प्रभ हो गया था । सेनाने केंद्रको दंगेपर नियंत्रण पानेकी अनुचित जानकारी दी थी ।
७. किश्तवाडसे हिंदुओंको विस्थापित होनेपर बाध्य करनेवाले धर्मांधों द्वारा हिंदुओंपर निरंतर होनेवाले आक्रमण !
किश्तवाडके हिंदुओंपर हुआ यह चौथा आक्रमण था । इसके पूर्व तीन दंगोंसे हिंदुओमें डर उत्पन्न किया गया था । कश्मीर खोरेके देशद्रोही प्रसारमाध्यमोंने इस दंगेके विषयमें विपर्यस्त/उलटा-पलटा वृत्त प्रसिद्ध किया ।
(प.पू. आसारामबापूपर लगे कथित लैंगिक शोषणके वृत्त नियमित रूपसे देनेवाले तथा १० वर्षोंसे गुजरात दंगेके विषयमें नरेंद्र मोदीको सतानेवाले हिंदूद्रोही (कु)प्रसि द्धिधमाध्यम देशमें हिंदुओंपर होनेवाले तथा विशेष रूपसे कश्मीरमें हिंदुओंपर होनेवाले आक्रमणोंका वृत्त प्रसिद्ध नहीं करते ! हिंदुओंको ऐसे (कु)प्रसिद्धिमाध्यमोंका बहिष्कार ही करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
केंद्रीय अन्वेषण विभाग द्वारा इस दंगेकी पूछताछ करनेकी मांग की गई है । तथा दोषियोंको कठोर दंड देनेकी मांग की गई है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात