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इचलकरंजीमें (जनपद कोल्हापुर) पुलिसकर्मियों द्वारा श्री गणेशमूर्तिकी विडंबना

अश्विन कृष्ण ३, कलियुग वर्ष ५११५

  • क्या पुलिसने कभी इस बातका विचार किया है कि अन्य धर्मियोंके उत्सवके अवसरपर उसने इस प्रकारका कृत्य किया होता, तो उसका पणिाम कितना विपरीत हुआ होता ?

  • विसर्जन शोभायात्रा ४ घंटे स्थगित, पुलिसद्वारा लाठीप्रहार

  • पुलिस अधिकारीके निलंबनके उपरांत ही विसर्जन शोभायात्रा मार्गपर अग्रसर

इचलकरंजी (जनपद कोल्हापुर) : यहांके पुलिस निरीक्षक रामदास इंगवलेद्वारा गुरुकन्ननगरके अष्टविनायक गणेशोत्सव मंडलके कार्यकर्ताओंको ध्वनिवर्धक (लाउडस्पीकर) बंद करनेके लिए कहते समय उनकी लाठीसे भगवान श्रीगणेशजीकी मूर्तिका हाथ आहत हो गया, जिससे कार्यकर्ता संतप्त हुए । इसके फलस्वरूप कार्यकर्ताओंका उद्रेक बढनेसे उन्होंने पुलिसपर आक्रमण किया गया । इंगवलेके निलंबनके पश्चात ४ घंटे विलंबसे पूर्वकी भांति शोभायात्रा आरंभ हुई ।

१. १८ सितंबरको रात्रि १२.३० बजे इंगवले सभी मंडलोंसे ध्वनिवर्धक (लाउडस्पीकर) बंद करने हेतु कह रहे थे । उस समय उनके हाथोंसे भगवान श्री गणेशजीकी मूर्तिकी विडंबना हुई ।

२. इस अवसरपर उन्होंने मंडलके कार्यकर्ताओंसे क्षमायाचना की, नारियल फोडा एवं तत्पश्चात शोभायात्रा मार्गपर अग्रसर हुई ।

३. तबतक इस विडंबनाका समाचार पूरी शोभायात्रामें फैल गया । उस मंडलकी शोभायात्राके राममंदिर चौकपर आते ही कार्यकर्ता आक्रामक हो गए ।

४. कार्यकर्ताओंने इंगवलेसे महाआरतीकी मांग की; परंतु इंगवलेने इसे अस्वीकार किया । अतः कार्यकर्ताओंका संयम टूट गया । कार्यकर्ताओंने इंगवलेका निलंबन करनेकी बात चलाई । कुछ कार्यकर्ताओंने कूडेका कंटेनर उलट दिया, जिससे शोभायात्रा स्थगित हो गई ।

५. पुलिस उपाधीक्षक प्रकाश देशमुखद्वारा पुनः आरती करने एवं शोभायात्राको मार्गपर अग्रसर करनेका असफल प्रयास किया गया ।

६. इस अवसरपर गृहरक्षक दलके जवानोंने कुछ युवकोंपर अमानवीय लाठीप्रहार आरंभ किया । इससे संतप्त कार्यकर्ताओंने जवानोंपर पथराव किया, जिसके कारण जवानोंमें भगदड मच गई । (पुलिस सदैव हिंदुओंकी शोभायात्रापर ही लाठीप्रहार करती है । ऐसे अवसरपर यदि कार्यकर्ताओंने पुलिसपर हाथ उठाया, तो उसका उत्तरदायित्व किसका है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

७. इस अवसरपर राज्य सुरक्षा दलके उपनिरीक्षक सोमनाथ वरे एवं सहायक फौजदार अंकुश पवारके साथ भी मारपीट की गई जिसमें वे घायल हो गए ।

८. यह घटना ज्ञात होते ही भूतपूर्व मंत्री प्रकाश आवाडे एवं भाजपाके विधायक श्री. सुरेश हालवनकरने श्रीराम मंदिर चौकके स्वागत मंचपर आकर समूहको शांत रहनेका आवाहन किया; परंतु कार्यकर्ताओंके आग्रहके सामने वे निष्फल एवं निरुत्तर हो गए ।

९. समूहने गावभाग पुलिस थानेपर भीषण पथराव किया । इस अवसरपर पुलिस थानेमें सीमित कर्मचारी होनेके कारण वे डर गए ।

१०. विधायक आमदार हालवनकरने इस संदर्भमें गृहराज्यमंत्री सतेज पाटिलको संपर्क कर इंगवलेके निलंबनकी मांग की ।

११. तदुपरांत पुलिस अधीक्षक विजयसिंह जाधव कोल्हापुरसे इचलकरंजीको आए । उन्होंने गृहमंत्री रा.रा. पाटिलसे बातचीत कर सूचित किया कि इंगवलेका निलंबन किया गया है । तत्पश्चात महाआरती कर शोभायात्रा पुन: आरंभ हुई ।

१२. इस संदर्भमें कोल्हापुर परिक्षेत्रके पुलिस महानिरीक्षक तुकाराम चौहाणने कहा कि अनेक गुंडोंपर कार्यवाही की गई । इसलिए उन्होंने इस विसर्जन शोभायात्राके निमित्त पुलिसकर्मियोंपर क्रोध व्यक्त किया । इन अपराधियोंको पाठ पढानेके लिए उनके विरुद्ध सरकारी काममें अडचनें लाना तथा हत्याका प्रयास करना इस प्रकारके परिवाद प्रविष्ट किए जाएंगे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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