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मंदिरकी दानपेटी खोलनेका प्रयास हिंदु जनजागृति समितिके विरोधके कारण अधिकारियोंने निरस्त किया

ज्येष्ठ शु.१०, कलियुग वर्ष ५११४

हिंदुओ, मंदिरपर भाजपाके राजनेता डाका डाल रहे हैं । ऐसी स्थितिमें बलवान हिंदुत्ववादी संगठनोंने चुप्पी क्यों साध रखी है ?


बंगळुरू – बंगळुरूके महालक्ष्मी गलीके श्री प्रसन्न वीरांजनेय देवस्थानका एक माह पूर्व सरकारद्वारा बिना किसी कारण यकायक सरकारीकरण किया गया । (हिंदुओंके अर्पणसे इकट्ठा हुए पैसोंपर डल्ला मारनेके लिए ही राजनेता मंदिर अपने नियंत्रणमें ले रहे हैं । मंदिरोंपर हो रहे इन आक्रमणोंको रोकने हेतु हिंदु राष्ट्र (अर्थात रामराज्य, आदर्शराज्य) स्थापित करना अनिवार्य है ! – संपादक)

श्री प्रसन्न वीरांजनेय देवस्थानके सरकारीकरणके विरोधमें हिंदु जनजागृति समितिद्वारा आंदोलन छेडा गया था । देवस्थानके पदाधिकारियोंद्वारा सरकारीकरणके विरोधमें न्यायालयमें परिवाद प्रविष्ट किया गया है । इस संदर्भमें न्यायालयमें पूछताछ जारी है । न्यायालयद्वारा अपने अंतरिम आदेशमें कहा गया है कि इस प्रकरणका परिणाम घोषित होनेतक किसी भी अमूल्य वस्तुको हाथ न लगाया जाए ।

१५ मईको न्यायालयद्वारा आदेश दिया गया है, ऐसा झूठ कारण बताकर शासकीय अधिकारियोंद्वारा मंदिरकी दानपेटी खोलनेका  प्रयास किया गया । यह ज्ञात होते ही समितिके कार्यकर्ता देवस्थानमें उपस्थित हुए । तत्पश्चात अधिकारियोंद्वारा यह दानपेटी फोडनेका निर्णय निरस्त किया गया । (इससे स्पष्ट होता है कि भाजपाके राज्यमें भी मंदिरोंकी कांग्रेस राज्यके समान ही लूट हो रही है । हिंदुओ, आपके मंदिरोंके धनपर डाका डालनेवाले  इन डकैतियोंको सदाके लिए हटाने हेतु हिंदु राष्ट्र (अर्थात रामराज्य, आदर्श राज्य) स्थापित करनेकी शपथ लें ! – संपादक)

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

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