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मिरज तथा पांच अन्य संवेदनशील नगरोंमें जातीय दंगेकी संभावना !

अश्विन कृष्ण ५, कलियुग वर्ष ५११५

  • केंद्रीय गुप्तचर विभागसे राज्यप्रशासनको चेतावनी

  • प्रशासन गुप्तचर विभाग द्वारा दी जानकारीका उपयोग ही न करे, तो गुप्तचर विभागकी क्या आवश्यकता ?

  • गुप्तचर विभागका भरण-पोषण हेतु खर्च होनेवाला जनताका पैसा तो बचेगा !

मुंबई – आनेवाले लोकसभा चुनावकी पार्श्वभूमिपर केंद्रीय गुप्तचर विभागने राज्यप्रशासनको राज्यमें मिरज, इचलकरंजी, नांदेड, मालेगाव, बीड तथा धुलिया इन छह नगरोंमें जातीय दंगे होनेकी चेतावनी दी है । राजनैतिक पक्षोंके साथ कुछ गुंडे ये दंगे करा सकते हैं । गृहमंत्री रा.रा. पाटिलने इस समाचारकी पुष्टि कर अहवाल प्राप्त होनेकी बात स्पष्ट की है । यह समाचार ‘दैनिक पुढारी’ ने प्रसिद्ध किया है । (हाल ही में उत्तरप्रदेशके मुजफ्फरनगरमें हुए दंगेके पश्चात केंद्रीय गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदेने कहा कि मैंने दंगेकी चेतावनी पहले ही दी थी । शिंदेको पहले जानकारी होते हुए भी दंगा हुआ, इसका अर्थ दंगा रोकने हेतु उन्होंने कुछ भी नहीं किया, यही बात स्पष्ट होती है । इसी प्रकार महाराष्ट्रके इन नगरोंमें दंगे होनेकी बात प्रशासन जानता हो, तो उसे रोकने हेतु प्रशासन क्या कर रहा है, रा.रा. पाटिल वह भी स्पष्ट करें, अन्यथा केवल लोकसभा चुनावमें विरोधियोंको लक्ष्य करने हेतु कांग्रेसने यह खेल खेला है, ऐसा ही कहना पडेगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

बीड जिलेमें इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकवादी संगठनके साथ अन्य समाजकंटकके अधिक सक्रिय होनेसे यहां अधिक ध्यान देनेकी आवश्यकता है । (इंडियन मुजाहिद्दीन संगठनपर बंदी होकर भी यह संगठन सक्रिय कैसे रह सकता है ? इसका अर्थ बंदी केवल नामतक सीमित है, इससे यही सिद्ध होता है ! आतंकवादी संगठनोंपर ऐसी कमजोर बंदी लगानेवाले शासनकर्ता देशकी रक्षा क्या करेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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