अश्विन कृष्ण ५, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओंपर भीषण अन्याय होनेपर भी प्रशासन द्वारा दुर्लक्ष होनेसे खेद
मुंबई : मुजफ्फरनगर (उत्तरप्रदेश)में समाजवादी पक्षका प्रशासन मंत्री आजम खानके हाथका खिलौना बन गया है। हिंदू लडकियोंपर होनेवाले अत्याचारोंके परिवादोंकी लिखाई नहीं होती । भाजपा नेताद्वारा विरोध करनेका प्रयास करनेपर उन्हें भी प्रशासन द्वारा दुखद अनुभव आए । अत: इससे सारे हिंदुओंमें असुरक्षाकी भावना उत्पन्न हो गई है तथा प्रशासन उनकी समस्याओंकी ओर दुर्लक्ष कर रहाहै, विश्व हिंदू परिषदकी साध्वी डा. प्राचीने प्रसिद्धि हेतु दिए पत्रकमें ऐसे खेद व्यक्त किए हैं तथा मुजफ्फरनगरमें हाल ही में हुए दंगेमें हिंदुओंकी बडी मात्रामें हानि हुई है । उस कारण सहस्रों लोग बेघर हो गए, किंतु प्रशासनके कुछ भी न करनेसे हिंदू न्यायकी प्रतीक्षामें हैं । उन पीडित हिंदुओंके साथ न्याय किया जाए, साध्वी डा.प्राचीने ऐसी मांग भी की है ।
साध्वी डा. प्राची आगे कहती हैं, एक हिंदू लडकीको छेडे जानेपर उसके विरुद्ध प्रशासनने कोई भी कार्यवाही नहीं की । अत: कुछ शांत जिलोंमें भी दंगे हुए । शामली नामके गांवमें ४ धर्मांधोंने एक हिंदू लडकीके साथ बलात्कार किया; किंतु उसके विरुद्ध अपराध प्रविष्ट नहीं किया गया । परिणामस्वरूप हिंदुओंमें क्रोध उत्पन्न हुआ तथा उस लडकीको न्याय प्राप्त कराने हेतु भाजपाके एक नेता आगे आए; किंतु प्रशासनने उनके विरोधमें अनुचित वर्तन किया ।
इन सारी घटनाओंकी पार्श्वभूमिपर शामली गांवमें शांतिपूर्ण वातावरणमें महापंचायत आयोजित की गई । वहां पीडित लडकीको न्याय दिलानेकी मांग की गर्ई; किंतु प्रशासनने उधर दुर्लक्ष ही किया । मुजफ्फरनगरमें हिंदुओेंने न्याय प्राप्त होनेकी मांगकी तथा प्रशासनके सामने अपना दुख व्यक्त किया । इसके पश्चात जब हिंदू घर लौट रहे थे, तब धर्मांधोंने हिंदुओंपर आक्रमण किया तथा हिंदुओंकी हत्या की । इतना सब होनेपर भी प्रशासनने मौन धारण कर रखा है । हिंदू न्यायकी प्रतीक्षामें हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात