अश्विन कृष्ण ६, कलियुग वर्ष ५११५
|
दिल्ली/अहमदाबाद – गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के बचाव में कच्छ के सिख किसान दिल्ली तक पहुंच गए हैं। सूत्रों के अनुसार ५० के करीब किसानों ने दिल्ली में डेरा लगाया है और उन आरोपों को खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि गुजरात सरकार कच्छ के किसानों के साथ अन्याय कर रही है। किसानों के नेता जुगराज सिंह ने कहा कि किसान कच्छ में ही नौकरी कर रहे हैं और उनसे उनका हक नहीं छीना गया है साथ ही जुगराज सिंह ने कहा कि ये किसान कच्छ में ही रहना चाहते हैं, पंजाब नहीं लौटने वाले।
सरकार ने ७८४ किसानों की जमीने जब्त कर ली हैं जिनमें १५३ पंजाब, ८८ गुजरात और ५४३ राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों के हैं। जुगराज सिंह ने बताया कि केवल उन्हीं किसानों की जमीने जब्त की गई हैं जो १९७३ के नोटिफिकेशन के मुताबिक नहीं थे। नोटिफिकेशन के मुताबिक ये जमीने खेती के लिए अंग्रेजों के जमाने में ली गई थीं और उन जमीनों को खेती के अलावा कोई और काम केलिए नहीं खरीदा जा सकता।
पंजाब और हरियाणा के लगभग ५५० लोगों को १९६४-८४ के बीच पुनर्वास नीति के तहत बसाया गया था। फिलहाल किसानों के इस बयान से मोदी को राहत पहुंची है क्योंकि सिख किसानों का मसला काफी गरमाया था और इससे मोदी के अकाली दल से संबंध बिगड़ सकते थे।
स्त्रोत : पंजाब केसरी