अश्विन कृष्ण ६, कलियुग वर्ष ५११५
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भारतमें स्थापित छोटे-छोटे पाकिस्तानोंको यदि समाप्त नहीं किया गया, तो भारतके हिंदुओंका अस्तित्व शेष नहीं रहेगा !
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हिंदुओ, बलवान हिंदूनिष्ठ संगठन इस विषयमें कुछ भी नहीं करेंगे । इसलिए अब अपनी धर्मबहनोंकी रक्षा करने हेतु आपको ही सिद्ध रहना होगा !
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धर्मांधोंसे पीडित हिंदुओंद्वारा व्यक्त दुख !
मुजफ्फरनगर : २७ अगस्तको धर्मांधोंने नववींमें पढनेवाली हिंदू लडकीके साथ छेडखानी की । इस अवसरपर छेडखानी करनेवालोंको फटकारनेवाले उसके दो भाईयोंके साथ तीन लोगोंकी हत्या हुई एवं तत्पश्चात मुजफ्फरनगरमें दंगा मचा । यहांकी लडकियां एवं उनके अभिभावक अब विद्यालयका नाम लेनेसे भी डरते हैं । यहांके हिंदू परिजनोंने अपनी लडकियोंको विद्यालयमें भेजना बंद कर दिया है । इस संदर्भमें कुछ बोलनेवाली प्रतिक्रियाएं एक संकेतस्थलपर प्रसारित की गई हैं ।
१. विद्यालयका नाम लेनेसे भी घबरानेवाली दंगापीडित युवतीने कहा, ‘यदि हमारे कारण दंगा हुआ है, तो हमें विद्यालय एवं शिक्षा दोनों ही नहीं चाहिए । हमारे आग्रहके कारण ही मैं और मेरी ममेरी बहनको ‘सदैव मेरे ममेरे भाईके साथ जानेकी शर्तपर’ विद्यालय जानेकी अनुमति मिली थी । कवाल ग्रामके प्रत्येक मार्ग एवं चौराहेपर छेडखानी करनेवाले धर्मांध गुंडे उपस्थित रहते हैं । वे आनेजानेवाली लडकियोंपर निरंतर अश्लील आलोचना करते हैं । इसी कारण मेरी बहनने ३ वर्ष पूर्व ही १२ वींके पश्चात शिक्षा बंद की । २७ अगस्तको एक धर्मांधने मुझे अपशब्द कहे । मेरे भाईयोंको यह बात अच्छी नहीं लगी । उन्होंने इस संदर्भमें उसे फटकारा, तो झगडा बढा एवं उसमें दोनोंकी हत्या कर दी गई । इतना सबकुछ होनेपर अब शिक्षा लेनेकी हमारी कोई इच्छा नहीं है ।
२. विजेंद्र सिंहने कहा,’ कवाल गांवमें अब पांव रखनेकी भी हमारी इच्छा नहीं है । हमने मुख्यमंत्रीसे मांग की है कि गांवकेलिए प्रमुख मार्गसे संलग्न नए मार्गका निर्माण कार्य करें । जबतक मार्ग नहीं बनाया जाएगा, तबतक लडकियां विद्यालयमें नहीं जाएंगी ।’’
३. विजेंद्रके पडोसमें रहनेवाली सविता सिंहने कहा, ‘मेरी लडकी दूसरीमें है; परंतु हम भी लडकीको विद्यालयमें भेजनेके लिए उत्सुक नहीं थे । अब उसे शिक्षाके लिए दूसरे गांव भेजनेका प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता ।’
ऐसा होता है धर्मांधोंसे भय… !
मुजफ्फरनगरके हिंदुओंने कहा है कि मुजफ्फरनगर जनपदसे १७ किलोमीटर दूरीपर स्थित मालिकपुरा गांवमें २० लडकियां विद्यालय जाती थीं । नगला मंदौल विद्यालयकी ओर जानेके लिए कवाल होते हुए जाना पडता है । मलिकपुरा गांवसे एक प्रौढ व्यक्ति इन लडकियोंकोविद्यालय ले जाया करते थे । यदि कोई बच्चा कवाल गांवमें गया, तो उसे मंदिरमें ही बिठाकर रखते थे एवं मंदिरके पुजारीको सूचना दी गई थी कि उसके घर अथवा मलिकपुरासे किसीके आनेपर ही उसे उसके नियंत्रणमें दिया जाए । (इससे स्पष्ट होता है कि समाजवादी पक्षके राज्यमें धर्मांधबहुल स्थान पाकिस्तान ही हो गए हैं ! ऐसे छोटे-छोटे पाकिस्तान कल संपूर्ण भारतका इस्लामीकरण करेंगे ! इस स्थितिमें परिवर्तन करने हेतु ‘हिंदू राष्ट्र’ अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) इसलिए यहांके उच्च माध्यमिक विद्यालय अब पुलिस छावनीमें रूपांतरित हो गए हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात