अश्विन कृष्ण ९ , कलियुग वर्ष ५११५
क्या देशका कोई भी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक नेता इस प्रकारका विधान करता है ?
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अमृतापुरी (केरल ) – गुजरातके मुख्यमंत्री श्री. नरेंद मोदीने यह वक्तव्य दिया कि आधुनिक भारतको ज्ञान एवं प्रगति हेतु आध्यात्मिक एवं पारंपरिक मूल्योंको स्वीकार करना चाहिए । (क्या भाजपाके अन्य नेता कभी इस प्रकारका वक्तव्य देते हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) श्री नरेंद्र मोदीने माता अमृतानंदमयीके ६० वें जन्मदिनके निमित्त आयोजित एक कार्यक्रममें उपस्थित माता अमृतानंदमयीके भक्तोंके सामने यह वक्तव्य दिया ।
श्री. मोदीने आगे बताया, ‘आध्यात्मिक शक्तिका उपयोग करनेके लिए उनके सिद्धांतोंके अनुसार कृत्य करना चाहिए । सद्यस्थितिमें देशके नागरिक दुःखी हैं; किंतु मैं दुःखी नहीं हूं । मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्यमें भारत विश्वशक्तिके रूपमें आगे आएगा । एक ओर विश्वमें जिहादी आतंकवादके कारण रक्तकी नदी बह रही है, तो यहां प्रेमकी गंगा बह रही है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात