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प.पू. आसारामबापूको संतसमाजका समर्थन ! – संत महासभा

अश्विन कृष्ण १०, कलियुग वर्ष ५११५

जोधपुरमें संत, हिंदुत्ववादी एवं पू. नारायण साईकी उपस्थितिमें वार्ताकार परिषद

बाएंसे पू. श्री देवेंद्रागिरी महाराज, पू. आचार्य चक्रपाणि स्वामी महाराज, पू. नारायण साई तथा अधिवक्ता के.के. मनन

बाएंसे पू. श्री देवेंद्रागिरी महाराज, पू. आचार्य चक्रपाणि स्वामी महाराज, पू. नारायण साई तथा अधिवक्ता के.के. मनन

जोधपुर – प.पू. आसारामबापूको संपूर्ण संतसमाजका समर्थन है । प.पू. बापूके विरुद्ध रचे षड्यंत्रका संपूर्ण संतसमाज संगठित होकर विरोध करेगा, संत महासभाके पू. आचार्य चक्रपाणि स्वामीने ऐसा घोषित किया । २६ सितंबरको सारे संत एवं हिंदुत्ववादियोंने यहांके कारागृहमें प.पू. आसारामबापूसे भेंट की । तदुपरांत प.पू. आसारामबापूके आश्रममें वार्ताकार परिषद हुई । उस समय पू. आचार्य चक्रपाणि स्वामी बोल रहे थे । इस अवसरपर अखिल भारतीय संत समितिके राष्ट्रीय महामंत्री महामंडलेश्वर पू. श्री देवेंद्रागिरीजी महाराज, अवधूतपीठके महामंडलेश्वर पू. स्वात्मबोधानंदगिरी महाराज, सनातन संस्थाके प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक, प.पू. बापूकी ओरसे न्यायालयीन लडाई लडनेवाले अधिवक्ता के.के. मनन एवं पू. नारायण साई उपस्थित थे ।

शिष्य हेतु गुरुसे अनुसंधान ही सबकुछ है ! – पू. नारायण साई

अनेक वार्ताकारोंने पू. नारायण साईसे पूछा कि आप अभीतक प.पू. बापूसे जाकर मिले क्यों नहीं ?, तो पू. नारायण साई ने कहा कि जबसे प.पू. बापू कारागृहमें हैं, मेरा ऐसा एक भी क्षण नहीं गया, जब उनसे अनुसंधान न रहा हो । शिष्य गुरुसे अनुसंधानके माध्यमसे ही संपर्क करता है ।

२१ वीं सदीका सबसे बडा अन्याय, अर्थात प.पू. बापूंको हथकडी लगना ! – पू. आचार्य चक्रपाणि स्वामी महाराज

प.पू. बापूकी खराब हालत देखकर हमें दुख हुआ । उनके साथ हुआ अन्याय २१ वीं सदीका बडा अन्याय ही है । उनके विरुद्ध बडा षड्यंत्र रचा गया है तथा प्रसिद्धिमाध्यम हिंदू संतोंकी सहिष्णुताका अपलाभ ले रहे हैं । प.पू. बापूके भक्तोंमें नम्रता एवं भाव कूट-कूटकर भरे हैं ।

वैध एवं शांतिके मार्गसे संकटका सामना करेंगे ! – पू. नारायण साई

प.पू. बापूके विरुद्ध किसने षड्यंत्र रचा है, वह परमेश्वरकृपासे शीघ्र ही सबके सामने आएगा । प.पू. बापूने कोट्यवधि लो़गोंको साधना करने हेतु प्रवृत्त किया है । उनका अध्यात्मिक स्तर उच्च है । हम वैध तथा शांतिके मार्गसे इस संकटका सामना करेंगे । कुछ प्रसिद्धिमाध्यमोंको समाचारका सत्य दिखानेमें क्या समस्या है, यह बात हमारी भी समझमें नहीं आती । पूरे भारतमें प.पू. बापूके समर्थनमें मोर्चे निकले, आंदोलन हुए; किंतु यह समाचार किसीने भी प्रसिद्ध नहीं किया । कुछ गुंडोंने हमारे साधकोंके रूपमें आकर प्रसिद्धिमाध्यमोंके प्रतिनिधियोंके साथ मारपीट की तथा हमारी अपकीर्ति करनेका प्रयास किया । हिंसक कार्यवाही करनेवाले व्यक्ति हमारे साधक हो ही नहीं सकते ।

प.पू. बापू निर्दोष ! – अधिवक्ता के.के. मनन

प.पू. बापूके संदर्भमें न्यायालय तथा प्रसिद्धिमाध्यम ऐसे दो समांतर न्यायतंत्र कार्यरत हैं । प्रसिद्धिमाध्यम लोकशाहीका चौथा स्तंभ है; किंतु प्रश्न है कि उन्हें इसकी कितनी समझ है । प.पू. बापू निर्दोष हैं । न्यायालय द्वारा हमें उचित न्याय प्राप्त होगा ! प्रसिद्धिमाध्यमोंसे एक ही विनती है, निर्दोष व्यक्तिपर अन्याय होगा, ऐसा वृत्त कहीं छप न जाए , इस विषयमें सतर्क रहें ।

स्त्रोत : सनातन प्रभात

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