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तिरुपतिमें बन रहे इस्लामिक युनिर्व्हसिटीके विरोध मे प्रखर जनआंदोलन

अश्विन कृष्ण १०, कलियुग वर्ष ५११५

द्वितीय राज्य हिंदू  अधिवेशन में सभी हिंदू संघटनोंका निर्णय !


भाग्यनगर (हैद्रराबाद) – देश-विदेशके हिंदूओंके श्रद्धास्थानके रूपमे परिचित तिरुपति बालाजी मंदिरके निकट तिम्मप्पा मंदिर के पवित्र क्षेत्रमें हिरा इंटरनॅशनल इस्लामिक युनिर्व्हसिटीका निर्माण हो रहा हैं । इस क्षेत्रमें मुसलमानोंकी जनसंख्या ५ प्रतिशत भी नही हैं । तो फिर हिंदूंओं के क्षेत्र में इस्लामिक शिक्षा केंद्र क्यों बनाया जा रहा है ? जहाँ जहाँ ऐसे अन्यधर्मीयों के केंद्र बने है, वहाँ सांप्रदायिकता और विभाजनवादी मानसिकता बढी है । इसिलिए तिरुपती के पवित्र क्षेत्र में अशांती फैलाने के षड्यंत्र को रोकने के लिए इस युनिर्व्हसिटीके निर्माणको विरोध होना आवश्यक हैं, ऐसा निर्णय हिंदू अधिवेशन के लिए इकठ्ठा हुए सभी हिंदुत्ववादी संघटनोंने लिया । काचीगुडाके श्री श्याम मंदिरमें हिंदु राष्ट्रकी स्थापना हेतू आयोजित द्वितीय राज्यस्तरीय हिंदू अधिवेशन के लिए संपूर्ण राज्य से हिंदुत्ववादी एकत्रित आये है ।

आदिवासीआको फसानेवालोंके बारेंमे स्टिंग ऑपरेशन क्यो नही ?

संतोंकी अपकिर्ती इस विषयपर संबोधित करते हुए अहमदाबादके महिला उत्थान आश्रमाकी साध्वी शिष्या लीनाबहनने कहां, आज धर्म समाप्त करनेके लिए शंकराचार्य, रामदेवबाबा, आसारामजी बापू ऐसे संतोंकी प्रतिमा मलिन की जा रही हैं । संतोंके सत्कार्यके बारेमें कभी कुछ दिखाया नही जाता अथवा अविकसित क्षेत्रमें हो रहे धर्मांतरके बारेमें कभी स्टिंग ऑपरेशन नही होता, ये सोचनेकी बात हैं ।

हर हिंदूमें हिंदुत्वकी भावनाको जगाओ । – दासकमल अग्रवाल

हिंदूराष्ट्रकी स्थापनामें प्रसारमाध्यमोंका सहभाग, इस विषयपर श्री. दासकमल अग्रवालजीने कहां की, ६४ वर्षोंसे हिंदू संस्कृती, हिंदू इनपर हो रहे अत्याचारोंके बारेंमे कोईभी आवाज नही उठाता, यह शोकांतिका हैं । इस स्थितीको बदलनेके लिए हर एक हिंदूमे हिंदुत्वकी भावनाको जागृत करना आवश्यक हैं । इस हिंदुत्वकी विचारधारा से ही हिंदु राष्ट्र की स्थापना संभव हैं । इसलिए माध्यमोंका उपयोग अनिवार्य हैं ।

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