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मोदी ने दिल्ली रैली में कहा, ‘मैं नाथ नहीं दास हूं, हमेशा सेवक रहूंगा’

अश्विन कृष्णपक्ष ११, कलियुग वर्ष ५११५

भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी र‌‌विवार को दिल्ली में कांग्रेस को चुनावी रैली में ललकारने के लिए अपने समर्थकों के बीच पहुंचे।

नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर ‌सीधा हमला करते हुए कहा कि दिल्‍ली सरकारों से दब गई है। दिल्ली में एक राज्य सरकार है, एक मां की सरकार है, एक बेटे की सरकार है, एक दामाद की सरकार है।

इतना ‌ही नहीं, गठबंधन की भी सरकार है। हर दल की अपनी ए‌क सरकार है। हर ‌विभाग एक सरकार बन गया है। जो गठबंधन के सरदार हैं वो असरदार नहीं हैं।

रिबन काटने के अलावा कोई काम नहीं

उन्होंने कहा कि सारे देश में दिल्ली की सीएम एक ऐसी हैं, जिनको रिबन काटने के अलावा कोई काम नहीं है। बच्चियों के साथ रेप जैसी घटनाएं होती है तो वे बयान देती हैं कि वह भी मां हैं। वह पीड़ा समझती हैं। फिर बेटियों को सलाह देती हैं क‌ि रात होने से पहले घर लौट आओ।

उन्होंने शीला दीक्षित पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि इन घटनाओं के लिए उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। कुछ भी होता है तो वह ऊपर या नीचे के लोगों पर आरोप मढ़ देती हैं।

भ्रष्टाचार से सब त्रस्त हैं। कॉमनवेल्‍थ गेम्स में इतना बड़ा घोटाला हुआ। इस घोटाले ने देश की इज्‍ज्त को लूट लिया है। देश के स्पोर्ट स्पीरिट को लूट लिया है। यह डाका देश के २० साल के भाग्य पर ताला लगा दिया। अगर यह सफल हो जाता तो शीला दीक्षित पीठ थपथपवाने और तस्वीर खींचवाने आगे आ जातीं।

'पीएम गरीबी की मार्केटिंग कर रहे'

कांग्रेस और उसके साथी दलों को भ्रष्टाचार की ऐसी लत लग गई है जैसे किसी इंसान को शराब की लत। यूपीए सरकार गांधी की भक्ति में डूबा हुआ है। बड़े-बड़े नोटों पर उनकी नजर है। सब लूट रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश में सुराज नहीं है। हम तेजी से पिछड़ रहे हैं। युवा बेरोजगार हैं। हर ओर अंधकार छाया हुआ है। किसी को बिजली मुहैया नहीं है।

फाइलें पास कराने के लिए पैसे लिए जाते हैं। सरकार के पास कोई विजन नहीं है। यूपीए सरकार अगर कुछ भी प्रदर्शन दिखाती है, वह राज्यों के पास जो विभाग हैं उनके प्रदर्शन को दिखाकर अपना पीठ थप‌थपाती है।

उन्होंने क‌हा कि यूपीए सरकार, डूब मरो, डूब मरो। देश के लिए राजमार्ग तक नहीं दे पा रहे। सड़के नहीं बना पा रहे।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश के पीएम ओबामा के सामने गिड़गिड़ाते हैं। कहते हैं कि वह गरीब देश आए हैं। हमारा देश गरीब है। आप दुनिया में जाकर हमारे देश की गरीबी की मार्केंटिंग कर आए। माथा शर्म से झुक‌ जाता है। आप कहते कि हिंदुस्तान वह देश है, जहां ६५ फीसदी जनसंख्या युवा है।

'शहजादे' ने पीएम की पगड़ी उछाली

गुजरात के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने देश की जनता से सवाल किया कि क्या आप लोग शहजादे की कही बातों के अनुसार चलना चाहते हैं या फिर संविधान के अनुसार। देश के पीएम कहते हैं कि शहजादे के अंडर काम करने को तैयार हैं। यह तो पीएम पद की गरिमा को गिराने वाली बात है। शहजादे ने पीएम की पगड़ी उछाल दी है।

विश्वास नहीं टूटने देंगे

उन्होंने कहा कि २०१४ में देश को एक ड्रीम टीम चाहिए, डर्टी टीम नहीं चाहिए। हम आपके सहयोग से २०१४ में ड्रीम टीम लेकर आएंगे।

उन्होंने कहा कि देश जब ७५ साल का होगा तो सबको रोटी मिलेगा, घर मिलेगा। सबको सुरक्षा मिलेगी, किसान खुशहाल होगा। जब सवा करोड़ लोग सपना देखेंगे तो वह जरूर पूरा होगा।

उन्होंने कहा कि वह नाथ नहीं, दास हैं। वह दास बनकर देशवासियों की सेवा करेंगे। आप बीते हुए कल को भूल जाइए और आज के विकास को देखकर हमारा साथ दीजिए।

हमारा वादा है कि आपके विकास के लिए, देश की उन्नति के लिए खुद को खपा देंगे। आपका विश्वास नहीं टूटने देंगे। भाजपा 'सबका साथ सबका विकास' का मंत्र लेकर आगे बढ़ रही है।

पार्टी सांसद नवजोत ‌सिंह सिद्धू ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश को फिर से सोने की चिडिया बनाएंगे।

मोदी के सहारे मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में जुटी भाजपा ने इस रैली के लिए हाईटेक तैयारियां की थी।

बिगुल

दिल्ली में नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए मोदी की यह पहली चुनावी रैली है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह गुजरात के सीएम के जन्मदिन पर १७ सितंबर को चुनावी बिगुल बजा चुके हैं।

हालांकि योजना थी कि मोदी ही इस रैली में चुनावी बिगुल बजाएं, लेकिन पितृपक्ष के चलते चुनाव अभियान की शुरुआत पहले ही कर दी गई।

रैली में प्रदेश प्रभारी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को छोड़ बाकी राष्ट्रीय नेतृत्व मसलन, प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज और दिल्ली से राजनीति शुरू करने वाले अरुण जेटली को अलग रखा गया।

पार्टी का मानना है कि मोदी के मंच पर रहने पर जनता बाकी नेताओं को सुनना पसंद नहीं कर रही है। इसलिए लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, सुषमा और जेटली के लिए अलग से रैली होगी।

स्त्रोत : अमर उजाला

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