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प.पू. आसारामबापू निर्दोष ही हैं ! – पू. नारायण साई

अश्विन कृष्ण ११, कलियुग वर्ष ५११५

प.पू. आसारामबापूजीपर लगाए गए कथित आरोप एवं उन्हें बंदी बनानेके निषेधार्थ चंडीगढमें (पंजाबमें) विशाल संत सम्मेलन !


विशाल संत सम्मेलनके लिए उपस्थित संत एवं मान्यवर

चंडीगढ (पंजाब): २८ सितंबरको चंडीगढमें (पंजाबमें) प.पू. आसारामबापूजीके समर्थनार्थ एक विशाल संत सम्मेलन आयोजित किया गया । इस सम्मेलनमें बोलते समय प.पू. आसारामबापूजीके सुपुत्र पू. नारायण साई ने ऐसे उद्गार व्यक्त किएकि प.पू. आसारामजी बापू पूर्णतः निर्दोष हैं । नियोजित षडयंत्रके अनुसार उनपर झूठे आरोप लगाकर उन्हें अपकीर्त किया जा रहा है । जबतक आरोप सिद्ध नहीं होते, तबतक उनकी निंदा न करें । वैधानिक मार्गसे आंदोलन चालू रखें । आनेवाले समयमें उचित व्यक्तियोंको हीमत प्रदान करें ।

सम्मेलनमें झारखंडके अवधूत महामंडलेश्‍वर स्वामी स्वात्मबोधानंदजी महाराज, वारकरी प्रबोधन समितिके अध्यक्ष ह.भ.प. रामेश्‍वरशास्त्री महाराज; भारत जागृति अभियानके राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. अजयभाई पाटिल; संत समिति, हरियाणा प्रदेशके महामंत्री स्वामी सूर्यानन्द सरस्वती महाराज; अखिल भारतीय संत समितिके राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्‍वर स्वामी देवेन्द्रानन्दगिरीजी महाराज; संत महासभाकी महामंत्री डॉ. इंदिरा तिवारी एवं सनातन संस्थाके प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक उपस्थित थे । आंदोलनके लिए प.पू. बापूजीके सहस्रों भक्त आए थे ।

प.पू. बापूजीको कलंकित करने हेतु विदेशी शूर्पणखा आई है ! – ह.भ.प. रामेश्‍वरशास्त्री महाराज

राम एवं लक्ष्मणको कलंकित करने हेतु शूर्पणखा आई थी । उसीप्रकार अब भारत एवं प.पू. बापूजीको कलंकित करने हेतु विदेशी शूर्पणखा आई है । पुलिस एक लडकीका परिवाद सुनकर उसपर विश्‍वास रखती है तथा प.पू. बापूजीको कारागृहमें डालती है; परंतु प.पू. बापूजीके पीछे लाखों महिलाएं हैं; तो फिर उनका कहना सुनकर क्यों नहीं लिया जाता ? सभी संत प.पू. बापूजीके साथ हैं । मैं भी केवल प.पू. बापूजीके समर्थनके लिए महाराष्ट्रसे यहां आया हूं । सभी संत संगठित होकर इस षडयंत्रका विरोध करेंगे !

प.पू. बापूजीके साधक ही उनके खरे उत्तराधिकारी हैं ! – डॉ. इंदिरा तिवारी

प.पू. बापूजीको कारागृहमें डालनेके पीछे राजनीतिक षडयंत्र है । यहां एकत्रित साधक ही उनके खरे उत्तराधिकारी एवं भविष्यकालके संत हैं । उनका संप्रदाय नष्ट करने एवं हिंदू संस्कृतिपर आघात करनेका यह षडयंत्र है । प.पू. बापूजीपर आरोप लगानेवाली वर्ष २००५ में हुई घटनाओंका उल्लेख किया जाता है; तो इसपर ‘८ वर्ष मौन क्यों रहे ?,’ ऐसा प्रश्न पूछे जानेपर उनके पास इसका कोई उत्तर नहीं रहता । इससे उनकी असत्य सोच ध्यानमें आती है ।

प.पू. बापूजीको मुक्त करने हेतु सभी संतोंको एकत्रित कर आंदोलन करेंगे ! – स्वामी सूर्यानन्द सरस्वती महाराज

हमें सनातनका बहुत आधार प्रतीत होता है । सनातन दृढतासे प.पू. बापूजीकी बाजू समाचार प्रणालोंपर प्रस्तुत कर रही है । किसी भीसंतपर आघात होनेपर इस प्रकारसे सभी संतोंको एकत्रित होकर ऐसे षडयंत्रोंका सामना करना चाहिए । हम शांतिका संदेश अवश्य देते है; परंतु कोई हमारी शांतिका अंत देखनेका प्रयास न करे । हम प.पू. बापूजीको मुक्त करने हेतु हरिद्वारके सर्व महामंडलेश्‍वर संतोंको एकत्रित कर शीघ्र ही आंदोलन करेंगे !

लोकशाहीका चतुर्थ स्तंभ कहलानेवाले प्रसिद्धिमाध्यमोंने प.पू. बापूजीके संदर्भमें स्पष्ट रूपसे असत्य समाचार प्रसिद्ध किए ! – श्री. अभय वर्तक

प्रसिद्धिमाध्यमोंद्वारा अबतक प.पू. बापूजीपर अनेक प्रकारके घिनौने आरोप लगाए गए । किसी भी प्रकारका आरोप लगानेको शेष नहीं रखा गया; परंतु हमने आश्रममें जाकर वहांकी वास्तविकता देखी । वहांकी महिलाओंसे बातचीत की, तो हमें धक्का लगा । हम वहांका सात्त्विक वातावरण एवं उनके साधकोंकी लगन देखकर प.पू. बापूजीद्वारा किए जानेवाले महान कार्यका अनुभव ले सकते हैं । इस प्रकरणसे हम निकटतासे अनुभव कर सके कि लोकशाहीका चतुर्थ स्तंभ कहलानेवाले एवं पत्रकारोंको लाखों रुपयोंका वेतन देकर चलाए जानेवाले प्रसिद्धिमाध्यमोंने स्पष्ट रूपसे असत्य समाचार प्रसिद्ध किए हैं । कुल मिलाकर हमने संतोंको फंसाने हेतु किए गए अंतर्राष्ट्रीय स्तरके षडयंत्रका अनुभव लिया ।

क्षणिकाएं :

चार प्रणालके अतिरिक्त किसीने भी इस सम्मेलनका समाचार प्रसारित नहीं किया । (संतोंकीअपकीर्ति करनेवाले समाचार देनेवाले; परंतु उनके समर्थनका समाचार छिपाकर रखनेवाले समाचार प्रणाल हिंदूद्रोही हैं । हिंदू उनका बहिष्कार करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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