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प.पू. आसारामबापूपर लगे आरोपोंके कारण उनके श्रद्धालु न्यून होंगे, यह विरोधियोंकी नासमझी ! – पू. सुरे

अश्विन कृष्णपक्ष १२, कलियुग वर्ष ५११५

जंतरमंतरमें प.पू. आसारामबापूके समर्थनमें संत तथा मान्यवरोंका सत्याग्रह

नई देहली (वार्ता.) – यदि प.पू. आसारामबापूका चरित्र अनुचित होता, तो उन्हें हथकडी लगनेपर भी इतनी बडी संख्यामें भक्त उनके समर्थनमें न आते । विरोधी चाहे जितने आरोप क्यों न लगाएं, प.पू. बापूपर भक्तोंकी श्रद्धा एवं भक्ति न्यून नहीं होगी । इस कठिन परिस्थितिमें भी श्रद्धालुओंके मुखपर प.पू. बापूके विषयमें भाव अधिक ही बढा है, ऐसा लग रहा है, प.पू. आसारामबापूके शिष्य पू. सुरेशानंदजीने ऐसा प्रतिपादन किया । वे जंतर-मंतरमें प.पू. आसारामबापूके समर्थनमें २८ सितंबरको आयोजित सत्याग्रहमें बोल रहे थे । इस सत्याग्रहमें देहलीके महामंडलेश्वर संतश्री पू. स्वामी चक्रपाणि महाराज तथा हिंदू जनजागृति समितिके श्री. दैवेश रेडकर, तथा अन्य संत एवं मान्यवर उपस्थित थे । इस अवसरपर उन्होंने उपस्थित व्यक्तियोंका मार्गदर्शन किया ।

संतोंकी अपकीर्ति करने हेतु प्रशासनने २० संतोंकी सूची बनाई ! – पू. चक्रपणि महाराज

पूर्व कालमें सुर-असुरोंमें हुए समुद्रमंथनके उपरांत सुरोंको अमृतकलश प्राप्त हुआ । आज भी सुर (प.पू. बापू) एवं असुर (विरोधियों)में आरोपोंका मंथन आरंभ है; किंतु अब वह अमृतकलश केवल प.पू. बापूके समवेत रहनेवालोंको ही प्राप्त होगा । प.पू. बापूपर आज जो बीत रही है, वह आगे किसी भी संतपर बीत सकती है । इस हेतु प्रशासनने २० संतोंकी सूची बनाई है ।

हिंदुओ, संगठित होकर शासनकर्ताओंको पाठ पढाएं ! – श्री. दैवेश रेडकर

यह केवल प.पू. बापूपर हुआ आघात न होकर हिंदू धर्मपर आघात है । अत: सारे संप्रदाय, संत, हिंदुत्ववादियोंको इस विरोधमें एकमत होना चाहिए । शासनकर्ताओंको चिंता होती है कि प.पू. बापूके प्रबोधनके कारण उन्हें मत नहीं प्राप्त होंगे; अत: लोगोंका ध्यान विचलित करने हेतु वे प.पू. बापूको लक्ष्य कर रहे हैं । अत: सारे हिंदुओंको संगठित होकर ऐसे शासनकर्ताओंको पाठ पढाना चाहिए ।

क्षणिकाएं

१. प.पू. बापूपर लगे आरोप कैसे निष्फल हैं, इस विषयमें प्रोजेक्टरपर ध्वनिचित्र-चक्रिका दिखाई गई ।
२. प.पू. बापूके समर्थनार्थ सत्याग्रहके पूर्व प्रात: राजघाट से जंतर-मंतरतककी (अंतर ५ कि.मी.) फेरी आयोजित की गई । उस समय फेरीमें सहस्रों साधक सम्मिलित हुए थे ।

बेलगांवमें प.पू. आसाराबापूके भक्तोंसमेत हिंदुत्ववादियोंका मूक मोर्चा !

बेलगांव – यहांके योग वेदांत समिति तथा हिंदुत्ववादी संगठनोंकी ओरसे प.पू. आसारामबापूकी अन्यायपूर्ण बंदी तथा अपकीर्तिके निषेधार्थ २९ सितंबरको मूक मोर्चा आयोजित किया गया । दोपहर ३ से ५ की कालावधिमें आयोजित इस अनुशासनपूर्ण मोर्चामें १५० से अधिक हिंदू उपस्थित थे । इस अवसरपर प.पू. आसारामबापूके निर्दोष होनेके विषयमें हस्तपत्रक वितरित किए गए । सारे सम्मिलित हिंदुओंने काला फीता लगाकर प्रशासनका निषेध किया । मोर्चाके अंतमें श्री. संजय घोरपडेने अगले आंदोलनकी दिशा स्पष्ट की । हर एक आंदोलनमें सहभागी होकर धर्मकर्तव्य निभाएं तथा गुरुकृपा संपादन करें, उन्होंने ऐसा आवाहन किया ।

स्त्रोत :  दैनिक सनातन प्रभात

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