अश्विन कृष्णपक्ष १३, कलियुग वर्ष ५११५
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पिंपरीके हिंदूनिष्ठोंका फटकारना !
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हिंदुओ, इस सफलताके लिए श्रीकृष्णके चरणोंमें कृतज्ञता व्यक्त करें !
भोसरी – पिंपरी-चिंचवड परिसरमें सर्वत्र श्री ब्रह्मदेवका अनादरवाला तथा नए वास्तुसंकुल संबंधी विज्ञापनका होर्डिंग प्रकाशित किया गया था । उसमें यह दिखाया गया था कि श्री ब्रह्मदेव कह रहे हैं कि ‘प्रत्येक व्यक्तिकी कुछ इच्छा होती है, मेरी भी है ।’ इस प्रकार विज्ञापनद्वारा देवताका अनादर हो रहा है, यह बात ध्यानमें आते ही यहांके जागृत हिंदू धर्माभिमानियोंने संगठितरूपसे इसके विरुद्धप्रतिकार प्रदर्शित कर विज्ञापन प्रकाशित करनेवाले व्यक्तिको ब्रह्मदेवका छायाचित्र निकालनेके लिए विवश किया । (देवताओंका अनादर रोकने हेतु परिणामकारक कृत्य करनेवाले पिंपरीके धर्माभिमानियोंका अभिनंदन ! यदि धर्महानि रोकने हेतु इसी प्रकार संगठितरूपसे प्रयास किया गया, तो हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाका दिन दूर नहीं । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. यह अनादर सर्वप्रथम यहांके धर्माभिमानी श्री. संदीप भेलसईकरके निदर्शनमें आया ।
२. यह विज्ञापन प्रकाशित करनेवाले वैभव अफजलपुरकरसे सर्वश्री संदीप भेलसईकर, सुरेश लांडगे तथा अन्य कार्यकताओंने २६ सितंबरको भेंट की । उन्हें इस बातका भान करवाया गया कि देवताका मानवीकरण करना अनुचित है तथा भारतीय दंडविधानके अनुसार धार्मिक भावना आहत करना, यह अनधिकृत अपराध भी है ।
३. अफजलपुरकरने बताया कि विज्ञापनोंके लिए अत्यधिक निधिका व्यय हुआ है । इसपर हिंदू धर्माभिमानियोंने आर्थिक हानिकी अपेक्षा होनेवाली आध्यात्मिक हानि अधिक गंभीर है, यह बताकर उन्हें अनादर रोकनेके लिए प्रवृत्त करनेका प्रयास किया । (कलाकृति निर्माण करनेवालोेंके ध्यानमें यह बात क्यों नहीं आती कि देवताओंका अनादरयुक्त उपयोगके बिना भी सुंदर कलाकृति सिद्ध कर सकते हैं । व्यावसायिक लाभके लिए हिंदू देवताओंका अनादरयुक्त उपयोग करनेवाले क्या अहिंदुओंके श्रद्धास्थानोंके छायाचित्रोंका इस प्रकार उपयोग करेंगे ? यदि इस प्रकार उपयोग करनेपर उसके क्या दुष्परिणाम होते हैं, यह बात उनके ध्यानमें आती है, तो हिंदू देवताओंका अनादर करनेके लिए क्या हिंदुओंकी भावना इतनी सस्ती है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. धर्मविषयक अनास्था रखते हुए अफजल पुरकरने २ दिनोंके पश्चात भी इस अनादरयुक्त विज्ञापनमें परिवर्तन नहीं किया ।
५. शिवसेनाके श्री. दिलीप सावंत तथा युवराज गोखलेको इस विषयकी सूचना प्राप्त होते ही उन्होंने अफजलपुरकरको भ्रमणभाष कर बताया कि यह अनादरयुक्त छायाचित्र निकाले । इस संदर्भमें अधिवक्ता प्रवीण सरजिलेद्वारा भी उन्हें सहयोग प्राप्त हुआ ।
६. श्री. गोखलेने परिमंडल ३ के उपायुक्त शहाजी उमपको निवेदन दिया । उसमें यह अंकित किया कि धार्मिक भावना आहत करनेवालोंके विरोधमें यदि कार्रवाई नहीं की गई, तो होनेवाले परिणामोंके लिए पुलिस-प्रशासन उत्तरदायी होंगे । (धर्महानिकी घटनाके विरोधमें त्वरित प्रभावी उपाय निकालकर धर्महानि रोकनेवाले शिवसैनिकोंकी क्रियाशीलता प्रेरणादायी है । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
७. धर्माभिमानियोंके इस आक्रामक पैंतरेके कारण अफजलपुरकरने २९ सितंबरको विज्ञापनमें होनेवाला श्री. ब्रह्मदेवका छायाचित्र निकाला ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात