अश्विन शुक्ल ३, कलियुग वर्ष ५११५
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हिंदुओंके नवरात्रोत्सवको कलंकित करनेवाला मंदिर सरकारीकरणकी बलि !
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पुलिसद्वारा श्रद्धालुओंपर लाठीप्रहार
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हिंदूनिष्ठोंद्वारा भाजपाके साथ सरकारको निवेदन प्रस्तुत
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हिंदुओंके उत्सवके अवसरपर श्रद्धालुओंपर लाठीप्रहार करनेवाली पुलिस धर्मांधोंद्वारा आजाद मैदानपर मार खाती है !
श्री क्षेत्र तुलजापुर (जनपद धाराशिव) : यहांके श्री भवानी मंदिरमें ४ अक्तूबरको मध्यरात्रि मची भगदडमें हरिदास दीनु कपालेकी (आयु ६० वर्ष, निवास मालशिरस, जनपद सोलापुर) मृत्यु हुई । इस भगदडके समय पुलिसद्वारा लाठीप्रहार किया गया, जिसमें १७ श्रद्धालु घायल हुए हैं एवं एककी प्रकृति गंभीर है । (हिंदुओंके उत्सवमें श्रद्धालुओंपर लाठीप्रहार करनेवाली पुलिस क्या अन्य पंथियोंके उत्सवमें इस प्रकारका साहस दिखाई होती ? इस मंदिरका सरकारीकरण किया गया है । इसलिए यहांका कामकाज सरकारी अधिकारी देख रहे हैं । इस घटनासे स्पष्ट होता है कि समितिने मंदिरकी भीडके संदर्भमें भली-भांति नियोजन नहीं किया है । अतः सरकार नियंत्रित मंदिर श्रद्धालुओंके नियंत्रणमें आना आवश्यक है ! – संपादक, दैनिक सनातन)
१. नवरात्रिके निमित्त सवेरे ज्योत प्रज्वलित कर ले जाने हेतु लाखों श्रद्धालु यहां एकत्रित आते हैं ।
२. सवेरे इस मंदिरमें श्रद्धालुओंकी अत्यधिक भीड हुई थी । इसलिए पुलिसकर्मियोंने प्रवेशद्वार बंद कर दिया एवं कुछ समयके पश्चात उसे खोलनेका निर्णय लिया ।
३. प्रवेशद्वार बंद करनेके उपरांत प्रवेशद्वारके समक्ष भीड अधिक बढ गई, जिससे द्वारके खोले जानेपर पुलिसके लिए अंदर आए श्रद्धालुओंके रेलेपर नियंत्रण पाना कठिन हो गया ।
४. भगदड मचने लगी । इसलिए पुलिसने लाठीप्रहार आरंभ किया ।
५. इस संदर्भमें भारतीय जनता पक्ष एवं हिंदूनिष्ठ संगठनोंद्वारा तहसीलदारको निवेदन दिया गया है । इस निवेदनमें कथित प्रकरणकी गंभीरतासे जांच करने, दुर्घटनाके लिए उत्तरदायी व्यक्तियोंपर कार्यवाही करने तथा नवरात्रोत्सवमें सुरक्षा एवं दर्शनका भली-भांति प्रबंध करनेकी मांग की गई है । (मंदिरमें हुई दुर्घटनाकी पार्श्वभूमिपर संगठित हुए तुलजापुरके धर्माभिमानियोंका अभिनंदन ! धर्माभिमानी हिंदुओ, केवल मांग कर शांत न बैठें, अपितु इस घटनाके लिए उत्तरदायी सरकारी मंदिर समितिपर कार्यवाही होने हेतु एवं इस मंदिरको श्रद्धालुओंके नियंत्रणमें देने हेतु सरकारका पृष्ठपोषण करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
६. निवेदन देते समय भाजपाके सर्वश्री बालासाहेब शामराज, विजयकुमार सिंगाडे, प्रभाकर मुले, रवींद्र सालुंखे, शिवाजी डावखरे, श्रीमती महानंदा पैलवान, सचिन अमृतराव, उमेश गवते, हिंदू जनजागृति समितिके श्री. अमित कदम आदि उपस्थित थे ।
दुर्घटनाके लिए कारणभूत व्यक्तियोंपर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए ! – श्री. सुनील घनवट, महाराष्ट्र समन्वयक, हिंदू जनजागृति समिति
तुलजापुरके श्री भवानी मंदिरमें हुई दुर्घटना अत्यधिक निंदनीय है तथा हिंदू जनजागृति समितिद्वारा इसका निषेध किया जाता है । सरकार मंदिरके व्यवस्थापन तथा मंदिरमें सुधार करनेके नामपर मंदिरका सरकारीकरण करती है । तुलजापुरका मंदिर सरकारी अधिकारियोंके नियंत्रणमें है । इसलिए उनके द्वारा समयपर किए धीमे नियोजनके कारण श्रद्धालुओंके प्राणोंपर संकट आया है । भीडके स्थानपर पुलिससने किसके कहनेसे लाठीप्रहार किया ? इसप्रकारका चूकभरा निर्णय किसने लिया ? इस संदर्भमें सरकारकी जितनी भी निंदा की जाए, अल्प है ।
हिंदुओंकी यात्रा एवं उत्सवोंमें होनेवाली बढती हुई भीडको ध्यानमें लेते हुए यदि सरकार उसपर नियंत्रण नहीं रख पाती है, तो आपत्कालमें भीषण परिस्थिति उत्पन्न होनेकी संभावना है । इस दुर्घटनासे स्पष्ट होता है कि यहांकी पुलिसको भीडपर नियंत्रण करनेका प्रशिक्षण नहींहै । ऐसे अवसरपर पुलिसद्वारा सामाजिक संगठन तथा स्वयंसेवी संस्थाओकी भी सहायता ली जा सकती थी; परंतु उन्होंने सहायता नहीं ली । दुर्घटनाके लिए जो सरकारी अधिकारी, पुलिस अथवा अन्य कोई उत्तरदायी होंगे, उन्हें कठोर दंड दिया जाना चाहिए । इससे अन्य लोगोंपर उसकी धाक जमेगी । वर्तमान समयमें हिंदुओंके अनेक मंदिरोंमें उत्सव एवं यात्राओंकी भीडमें वृद्धि होते समय उनके नियोजन एवं सुरक्षाका गंभीरतासे ध्यान रखना चाहिए । इससे पूर्व उत्तराखंड, मांढरदेवी, कुंभमेला इन स्थानोंपर भी इस प्रकारकी दुर्घटनाएं होते समय इससंदर्भमें उचित उपाय नहीं किए गए, जिसके कारण बारबार इस प्रकारकी दुर्घटनाएं हो रही हैं । इससे संदेह उत्पन्न होता है कि कहीं पुलिसएवं प्रशासन हिंदुओंके त्यौहार एवं उत्सवोंको बंद करनेका प्रयास तो नहीं कर रही है ?
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात