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रशिया श्रीमद्भगवद्गीतापर प्रतिबंध नहीं लगाएगा !

ज्येष्ठ शु १४, कलियुग वर्ष ५११४


मॉस्को – रशियाके शासकीय अधिवक्ताओंने हिंदुओंका पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीताकी रशियन भाषाकी प्रतिपर प्रतिबंध लगानेकी मांग न करनेका निर्णय लिया है । उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अब प्रतिबंध लगानेके संदर्भमें न्यायालयद्वारा दिए गए परिणामको चुनौती नहीं देंगे । सैबेरियामें स्थित टॉम्स्क नगरके कनिष्ठ न्यायालयद्वारा गीताके भाषांतरपर प्रतिबंध लगानेके लिए नकार दिया गया था । यहांके ‘राप्सी’ विधिविषयक समाचार प्रणालद्वारा सूचित किया गया है कि विभागीय शासकीय अधिवक्ता वसिली वोयकीनने निर्णय लिया है कि वे कनिष्ठ न्यायालयके परिणामके विरोधमें उच्च न्यायालयमें चुनौती नहीं देंगे । टॉम्स्कमें स्थित इस्कॉनके कार्यालयमें पूछताछ करनेके पश्चात टॉम्स्कके प्रांतिक अधिवक्ता कार्यालयद्वारा रशियन प्रतिपर प्रतिबंध लगानेकी मांग की गई थी । पुस्तकका नाम ‘भगवद्गीता अ‍ॅज इट इज’ है एवं उसमें विद्यमान लेखनका स्वरूप है भाषांतर एवं उसपर आलोचना । याचिकामें कहा गया था कि यह लेख विद्वेष एवं अवमानकारक है, जिससे समाजमें विभाजन निर्माण होनेकी संभावना है । परंतुयह याचिका अबतक दो न्यायालयोंद्वारा नकारी गई है ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

1 Comment

  1. Vikas Mourya

    Really Very Appreciate it Brother’s…

    I You No Youth/Children will come over here to read it & You know most of the youngest will not read it …. Reason Young Generation Does know to Read and Write HINDI …. Even me also….

    I read few lines but gave it up…

    You’ll / Our Elders/ Parents You’ll Think of our good further and admit us in an English school…. Where learn Good English but We give get worse in vernacular language like Marathi & Hindi…

    I look at Muslims Community..
    If have seen that they send there childrens to Madasa For Learning Arabic and Quran… When there is at all now use of Arabic in India or internationally…

    But our Community Lacks all this..
    If have never see any Hindu temples doing like this… We say that Sanskrit it our Godly Language But.. Most of the Hindu Children Doesn’t Know about it..

    Is hindu Religion left only on internet or on your website…

    Baacho Ko Santana Dharm ka gyaan do…???

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