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‘आतंकवाद और बातचीत, दोनों साथ-साथ नहीं’

अश्विन शुक्ल ६ , कलियुग वर्ष ५११५
मुंबई – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि आतंकवाद और बातचीत, दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते। उन्होंने संकेत दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ता फिर उसी राह पर है, जैसा वर्ष १९९९ में जम्मू एवं कश्मीर में कारगिल युद्ध के समय हो गया था।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन में राजनाथ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री इस बात को समझें कि आतंकवाद के साथ-साथ बातचीत नहीं चल सकती।’’

जम्मू एवं कश्मीर के केरन इलाके में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान समर्थित घुसपैठियों के एक दल के खिलाफ पिछले १४ दिनों लंबे अभियान की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकार को यह याद दिलाना चाहंूगा कि इसी तरह की घुसपैठ कारगिल में भी हुई थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान सरकार ने (१९९९ में) कहा था कि घुसपैठिए आतंकवादी हैं और पाकिस्तान सरकार का उनसे कोई लेनादेना नहीं है। इसके तुरंत बाद ही कारगिल की लड़ाई शुरू हो गई थी।’’

तब भारतीय सेना ने कारगिल सेक्टर से घुसपैठियों और पाकिस्तान सेना के जवानों और आतंकवादियों को खदेड़ कर भगाया था।

राजनाथ ने कहा, ‘‘इस बार फिर वे (पाकिस्तान) कह रहे हैं कि ये अराजक तत्व हैं। मैं मांग करता हूं कि प्रधानमंत्री अविलंब सर्वदलीय बैठक बुलाएं और इस बारे में जानकारी दें। मैं प्रधानमंत्री से यह भी जानना चाहूंगा कि आखिर पिछले एक वर्ष के दौरान संघर्ष विराम उल्लंघन और घुसपैठ की घटनाओं की बाढ़ क्यों आई है।’’

स्त्रोत : पंजाब केसरी

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