अश्विन शुक्ल ८, कलियुग वर्ष ५११५
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हिंदुओ, ईसाईयोंका यह हिंदूद्वेष पहचानें तथा अपने बच्चोंको हिंदू पाठशालामें ही भेजें !
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समस्त हिंदू संगठनद्वारा पाठशालाको २ दिनोंकी कालावधि दी गई !
पुणे : यहांके रोजरी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक पाठशालाने विद्यार्थियोंकी जानकारी प्राप्त करने हेतु विद्यार्थियोंद्वारा अभिभावकोंको एक निवेदन भेजा था; किंतु इस निवेदनमें धर्मके विषयकी जानकारी लिखनेके लिए हिंदू धर्मका पर्याय ही उपलब्ध नहीं था । केवल मुस्लिम, ईसाई, जैन, सिक्ख, बुद्ध एवं अन्य इतने ही पर्याय उपलब्ध किए गए थे । प्रत्यक्षमें उस पाठशालमें शिक्षा प्राप्त करनेवाले बहुसंख्य विद्यार्थी हिंदू ही हैं । (हिंदूबहुल भारतमें तथा पाठशालामें शिक्षा प्राप्त करनेवाले विद्यार्थी हिंदू होते हुए भी यह ईसाईयोंकी पाठशाला धर्म नामक सदरमें हिंदू धर्मको समावेश करना टालती है । इसीसे पाठशालाका हिंदूद्वेष स्पष्ट होता है । ऐसी पाठशालामें हिंदू संस्कारोंका ध्यान रखा जाएगा, इस बातकी आशा ही छोडनी होगी । अतः हिंदुओ, अब तो जागृत होकर ईसाईयोंकी पाठशालाका बहिष्कार करें ! आप बच्चोंको मातृभाषामें पढाएंगे या निधर्मीपनकी डुगडुगी पीटकर बच्चोंका ईसाईकरण करेंगे, यह सदाके लिए निश्चित करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
जानबूझकर हिंदुओंका अनादर करनेका प्रयास ! – मिलिंद एकबोटे
इस संदर्भमें समस्त हिंदू संगठनके श्री. मिलिंद एकबोटेने बताया, यह प्रकरण हिंदुओंके साथ उद्देश्यपूर्ण अनादरयुक्त व्यवहार करनेका ही प्रकरण है । यदि पाठशालाके व्यवस्थापनने इस संदर्भमें स्वयं ध्यान देकर निवेदनमें हिंदू धर्मका नाम समाविष्ट नहीं किया, तो उनके विरोधमें जनआंदोलन किया जाएगा ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात