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लोणी, जनपद अमरावतीके त्रिदिवसीय व्याख्यानमालाको उत्स्फूर्त प्रतिसाद

अमरावती (महाराष्ट्र), २३ फरवरी (वृत्तसंस्था) – स्वामीविवेकानंदकी जयंतीके उपलक्ष्यमें लोणी (टाकली)के स्वामी विवेकानंद वाचनालय एवं धर्मप्रचार सभाकी ओरसे डॉ. प्रमोद शिंदेकी अध्यक्षतामें त्रिदिवसीय व्याख्यानमाला आयोजित की गई थी । इस समारोहमें प्राचार्य श्री. भास्कर मोहरील, हिंदु जनजागृति समितिके श्री. प्रतीक भाकरे एवं अधिवक्ता राजेंद्र पांडेद्वारा विभिन्न विषयोंपर अपने मत रखे गए ।

 राष्ट्र एवं धर्मके लिए आयु समर्पित करनेमें ही जीवनकी सार्थकता – प्राचार्य मोहरील

व्याख्यानमालाके प्रथम दिवस ‘जीवनयापनकी कला’ विषयपर मार्गदर्शन करते समय प्राचार्य भास्कर मोहरीलने कहा, ‘‘हमेंपरमेश्वरने १०० वर्षकी आयु दी है । उसे धर्म एवं राष्ट्रके कल्याणके लिए समर्पित करनेसे जीवन आनंदमय तथा सार्थक होगा ।

’’स्वतंत्रताके पश्चात् गांधीजीने यदि निरपेक्षतासे स्थितिका सामना किया होता, तो हिंदुस्थान अखंड रहा होता ! – प्रतीक भाकरे

द्वितीय दिवसीय मार्गदर्शनमें ‘नथुराम, गांधी एवं नेहरू’ विषयपर बोलते समय हिंदु जनजागृति समितिके श्री. प्रतीक भाकरेने कहा, ‘‘स्वतंत्रता पूर्व कालमें स्थिति संघर्षमय थी । स्वतंत्रता मिलनी ही चाहिए ऐसी तीव्र जनभावना थी; परंतु स्वतंत्रता प्राप्त होनेके पश्चात् गांधीजीने निरपेक्षतासे स्थितिका सामना करनेका साहस दिखाया होता, तो पाकिस्तानकी निर्मिति न होकर हिंदुस्थान आज अखंड होता ।’’ अंतिम दिनके मार्गदर्शनमें अधिवक्ता राजेंद्र पांडेने ‘ग्राहक संरक्षण कानून’,‘सूचना का अधिकार’, ‘लोकपाल विधेयक’ एवं ‘मोटर अपघात’ इन विषयोंपर कानूनके संदर्भमें मार्गदर्शन किया ।कार्यक्रमकी सफलताके लिए वाचनालयके अध्यक्षप्रा.सुखदेव ढवले, सचिव आधुनिक वैद्य रमेशवरुडकर, सर्वश्री मिलींद पोटे, दीपक अंबर्ते, शैलेशतिखिले एवं धर्मप्रचार सभाकी आधुनिक वैद्याश्रीमती समिधा वरुडकरने अमोल सहयोग दिया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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