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अयोध्या में मंदिर निर्माण की चिट्ठी से हड़कंप

अश्विन शुक्ल ९ , कलियुग वर्ष ५११५

लखनऊ – क्या उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में मंदिर बनवाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने वाली थी ? उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के सचिव सर्वेश चंद्र मिश्र की ओर से प्रदेश के आला पुलिस अफसरों को जारी पत्र तो यही कहता है। शनिवार को सुबह इस चिट्ठी के सामने आने पर सरकार में हड़कंप मच गया। दोपहर बाद प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने इस चूक लिए माफी मांगी और कहा कि वह हर तरह की सजा भुगतने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह पत्र कर्मचारी की गलती से बना और जारी हुआ। शासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कुछ घंटे बाद चिट्ठी जारी करने वाले गृह सचिव सर्वेश चंद्र मिश्र को उनके पद से हटाकर प्रतीक्षारत और सेक्शन अधिकारी प्रेम कुमार पांडेय को निलंबित कर दिया।

क्या है पत्र का मजमून :

उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव गृह सर्वेश चंद्र मिश्र की ओर से नौ अक्टूबर को डीजीपी, एडीजी समेत आला पुलिस अधिकारियों व डीएम फैजाबाद को एक पत्र भेजा गया। इसका शीर्षक है- 'सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण की ही तरह श्रीराम जन्मभूमि पर भी भारत सरकार संसदीय कानून बनाकर मंदिर निर्माण के संबंध में। उपर्युक्त विषय पर विचार-विमर्श हेतु प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में 14 अक्टूबर को बैठक होगी, जिसमें उपस्थित होना सुनिश्चित किया जाए।'

सरकार की सफाई :

इस पत्र को लेकर सरकार गहरे दबाव में थी, दोपहर बाद प्रमुख सचिव (गृह) श्रीवास्तव ने कहा कि इस गलती से सरकार के नीतिगत निर्णय प्रभावित नहीं होते हैं। गृह विभाग में इतना पेपर वर्क होता है कि त्रुटि हो जाती है। श्रीवास्तव ने कहा कि विहिप के संकल्प दिवस को लेकर खुफिया सूचना एकत्रित हो रही थी, जो गलती से पत्र में गलत ढंग से दर्ज हो गई।

विपक्ष को मिला मौका :

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मनोज मिश्र ने कहा है कि यह शासकीय पत्र सपा की उलझी हुई मानसिकता दर्शाता है। सपा सरकार अराजकता की शिकार है।

राम मंदिर से जुड़ा पत्र गलती नहीं, साजिश : आजम

रामपुर। उप्र के नगर विकास मंत्री आजम खां ने कहा कि राम मंदिर बनाने संबंधी पत्र गलती से नहीं लिखा गया है, बल्कि यह साजिश है। सरकार इसकी जांच कराएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

आजम खां ने कहा, प्रमुख सचिव का खंडन आया है, क्लर्क की गलती बताई गई है। सवाल यह है कि इस चिट्ठी में सोमनाथ मंदिर का जिक्र कहां से आ गया। सोमनाथ मंदिर तो यूपी में भी नहीं है। यह गलती किस के स्तर से हुई है और इसके पीछे किसकी मानसिकता है। यह षडयंत्र किस स्तर से हुआ है, हम इसे गंभीरता से ले रहे हैं।

चिट्ठी का मजमून भी तथ्यों से परे है। न तो सोमनाथ मंदिर यूपी में है और न ही राम मंदिर बनाने का कोई प्रस्ताव है। प्रदेश में धर्मनिरपेक्ष और संवैधानिक सरकार है और ऐसी कोई भी सरकार किसी धार्मिक स्थल मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारे का निर्माण नहीं करा सकती है। सपा सरकार की सोच समाजवादी है, कुछ फासिस्ट ताकतें सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।

स्त्रोत : जागरण

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