अश्विन शुक्ल १०, कलियुग वर्ष ५११५
कांग्रेसके राज्यमें हिंदुओंके मंदिर असुरक्षित !
गुंटूर (आंध्रप्रदेश) : अज्ञात धर्मांधोंने यहांके इमनी ग्रामके श्री अगस्तेश्वर शिव मंदिरकी अय्यप्पा स्वामी,कुमारस्वामी तथा भगवान शिवकी मूर्तियोंकी, तथा ताडबोयिनपल्ली ग्रामके मंदिरकी हनुमान एवं श्रीकृष्णकी मूर्तियोंकीr तोडफोड की । स्थानीय ग्रामवासियोंद्वारा पुलिस थानेमें इन घटनाओंका परिवाद प्रविष्ट किया गया; परंतु पुलिसने इस अपराधको साधारण धाराओंके अंतर्गत प्रविष्ट किया ।(यदि अन्य धर्मियोंके आस्थास्थानोंका ऐसा अनादर हुआ होता, तो क्या पुलिसद्वारा ऐसा ही कृत्य किया गया होता ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) तोडफोडकी घटनाओंकी जानकारी प्राप्त होते ही घटनास्थलपर चित्तुर, राजमंडरी काकीनाडा, विजयवाडा, श्रीकाकुलम् तथा भाग्यनगरके हिंदूनिष्ठ संगठन तत्परातसे आए । २० से अधिक हिंदूत्ववादियोंने इन घटनाओंकी जानकारी ली तथा पुलिसकर्मियोंको कठोर धाराओंके अनुसार अपराध प्रविष्ट करनेके लिए विवश किया । (हिंदुओंके संगठित होनेका आविष्कार ! हिंदुओ, संगठित होनेके लाभको जानें एवं संगठित हों ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. हिंदुत्ववादियोंने यहां सभी ग्रावासियोंको संगठित कर एक विशाल फेरीका आयोजन किया । इस अवसरपर यहांके ग्रामवासियोंने हिंदुओंकी‘हिंदू निजनिर्धारण समिति’के अंतर्गत हिंदुओंपर होनेवाले आघातोंके विरोधमें सक्रिय रहनेका आश्वासन दिया ।’
२. इस अवसरपर श्रीकाकुलम्के श्री श्रीनिवासानंद स्वामीने कहा, ‘देवताओंकी मूर्तियोंकी तोडफोड हुए दो दिन व्यतीत हो गए । तो भी पुलिसने किसीको भी बंदी नहीं बनाया । पुलिस एवं प्रशासन हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंको अनदेखा कर रहे हैं ।’
३. हिंदू जनजागृति समितिके आंध्रप्रदेश राज्य प्रवक्ता श्री. चेतन जनार्दनने कहा कि हिंदुओंकी भावनाओंको आहत करने हेतु ही यह कृत्यकिया गया है । अब हिंदुओंको संगठित होकर इसके विरुद्ध खडा रहना चाहिए ।
४. हिंदू धर्मरक्षा समितिके श्री. रामंजनेयुलूने आरोप लगाया है कि इतनी बडी घटना होनेपर भी पुलिसद्वारा केवल साधारण धाराओंके अनुसार अपराध प्रविष्ट किए गए हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात