आषाढ कृ. १, कलियुग वर्ष ५११४
हिंदुओ, यह ध्यानमें रखें कि मुसलमान एवं ईसाईयोंके संदर्भमें इस प्रकारका समाचार कभी सुनाई नहीं देता !
हिंदुओ, आपके धर्मश्रद्धाओंको आहत करनेवाले हिंदुद्वेषियोंको संगठित रूपसे विरोध करें ।
जम्मू – कश्मीरकी घाटीमें अमरनाथ यात्राकी कालावधि न्यून करनेके विरोधमें तथा अमरनाथ यात्राके निर्धारित दिनसे पूर्व प्रारंभ करनेकी मांगके लिए एकत्रित ३०० से अधिक हिंदुओंको रविवारको राज्यसरकारद्वारा नियंत्रणमें लेकर बंदी बनाया गया । श्री अमरनाथ तीर्थक्षेत्र मंडलद्वारा यात्राकी कालावधि २५ जूनसे २ अगस्त ऐसी ३९ दिनकी निश्चित की गई है । यह यात्रा ३ जूनसे आरंभ कर यात्राके लिए कुल मिलाकर ६० दिनकी कालावधि देनेकी मांगको लेकर रविवारको पूरे देशसे लगभग ६०० हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता एवं यात्री जम्मूके परेड क्षेत्रमें इकट्ठा हुए थे । परंतु पुलिसद्वारा उन्हें यात्राको आरंभ करनेके लिए मना किया गया । विश्व हिंदु परिषदके जम्मू क्षेत्रके प्रमुख श्री. रमाकांत दुबेके नेतृत्वमें कार्यकर्ताओंने दक्षिण कश्मीरमें स्थित अमरनाथकी गुंफाकी ओर जाने हेतु पुलिसद्वारा की गई शृंखलाको तोडनेका प्रयास किया । कार्यकर्ताओंद्वारा लगभग दो घंटे प्रदर्शन करनेके पश्चात उन्हें बंदी बनाकर भगवती नगरके यात्रानिवासमें भेजा गया । (पुलिसद्वारा इस प्रकारका साहस क्या मुसलमानोंके आंदोलनके समय दिखाया गया होता ?-संपादक)
एक पुलिस अधिकारीद्वारा कहा गया कि हिंदुत्ववादी संगठनोंके कार्यकर्ताओको आदेशका उल्लंघन करनेके आरोपमें बंदी बनाया गया है, क्योंकि जम्मूमें धारा १४४ लागू की गई है । इस धाराके अनुसार पांच अथवा पांचसे अधिक लोगोंके एकत्रित आनेपर प्रतिबंध लगाया गया है । विश्व हिंदु परिषदके श्री. दुबेने पुलिसद्वारा की गई कार्यवाहीका विरोध किया है । यात्रियोंने मांग की है कि सरकार अमरनाथ यात्राका कालावधि बढाकर २ महिनें सोमवारकी ज्येष्ठ पूर्णिमासे यात्राका आरंभ करनेकी अनुमति दे । यात्रियोंने ऐसा आरोप लगाया है कि विघटनवादी शक्तियोंके आदेशके सामने झुककर सरकारद्वारा अमरनाथ यात्राकी कालावधि न्यून की गई है । परंतु अमरनाथ तीर्थयात्रा मंडलद्वारा यात्राकी कालावधि न्यून करनेका कारण खराब मार्ग एवं सनकी हवामान बताया गया है । (हिंदुओं, यह ध्यानमें रखें कि खराब वातावरण एवं मार्गके कारण मुसलमानोंके किसी ऊरुस अथवा हज यात्राकी कालावधि न्यून करनेका साहस राजनेताओंने कभी नहीं किया ।- संपादक )
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात