अश्विन शुक्ल १२, कलियुग वर्ष ५११५
यह कानून हिंदूविरोधी ही है, इसलिए श्री उद्धव ठाकरे इस कानूनको निरस्त करने हेतु कांग्रेस सरकारको विवश करें ।
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मुंबई : यहांके शिवसेनाके शिवाजी पार्कमें आयोजित ऐतिहासिक ‘दशहरा मेले’में शिवसेना प्रमुख श्री उद्धव ठाकरेने महाराष्ट्र सरकारको चेतावनी देते हुए कहा कि जादूटोनाविरोधी कानूनके अध्यादेशको वारकरी एवं जिन जिन लोगोंका विरोध है, उनकी सहमति लिए बिना शिवसेना कानूनको समर्थन नहीं देगी । यदि यह अध्यादेश हिंदुओंके मूलपर आनेवाला होगा तथा सरकारद्वारा सबकी सहमतिके बिना यह अध्यादेश लागू करनेका प्रयास किया गया, तो हम इस अध्यादेशको जलाकर राख किए बिना नहीं रहेंगे । इस अवसरपरउपस्थित शिवसैनिकोंने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया । शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरेकी मृत्युके पश्चात शिवाजी पार्क पर आयोजितप्रथम ‘दशहरा मेले’में वे बोल रहे थे । इस अवसरपर लाखोंकी संख्यामें शिवसैनिक उपस्थित थे ।
जादूटोनाविरोधी कानूनके विषयमें दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए श्री उद्धव ठाकरेने कहा….
१. ‘इस जादूटोनाविरोधी अध्यादेशपर अंनिसके शाम मानवके साथ हमारा प्रदीर्घ समयतक विचार-विमर्श हुआ । इस अवसरपर शिवसेनाके विधायक श्री दिवाकर रावते एवं श्री सुभाष देसाई भी उपस्थित थे । उस समय शाम मानवने कहा था कि वे इस कानूनद्वारा अनिष्ट बातोंपर प्रतिबंध लगानेका प्रयास कर रहे हैं । तब मैंने उनसे कहा कि अनिष्ट प्रथा, परंपरा तथा अंधश्रद्धाके संदर्भमें आप कुछ भी न बोलें । मेरे दादाने बचपनसे ही मुझे उसकी जन्मघूंटी पिलाई है । अंग्रेजोंके समयमें अनिष्ट प्रथा एवं परंपराके विरुद्ध लडाई करनेवाले मेरे दादाजी अकेले ही थे । अतः उसके संदर्भमें आप मुझे कुछ न बताएं । हम जादूटोनाके विरोधमें ही हैं’ ।
२. शाम मानवने एक माहके पश्चात पुनः आकर कहा, ‘उद्धवजी, यह एक पृष्ठका ही अध्यादेश है़, शेष कुछ भी नहीं’ । उस समय अध्यादेशको पढकर मैंने कहा, ’केवल जादूटोनाके विरोधमें कानून होगा, तो सहमति देनेमें कोई आपत्ति नहीं होगी; परंतु वारकरी एवं जिन व्यक्तियोंको इस अध्यादेशका विरोध है, उनकी सहमतिके बिना मैं इस अध्यादेशका समर्थन नहीं करूंगा । इसपर मानवने कहा, कोई बात नहीं, आमने-सामने बैठेंगे तथा विचार विमर्श करेंगे ।
३. तदुपरांत कुछ दिनोंके पश्चात वारकरी मुझसे मिलने आए, तो उन्होंने कहा कि इस कानूनमें अनेक बातें अपने (हिंदू धर्मके) मूलपर आनेवाली हैं । इसपर मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि बिना आमने-सामने बैठकर विचार-विमर्श किए मैं कानूनका समर्थन नहीं करूंगा । यदि राहुल गांधी केंद्रसरकारका अध्यादेश फाडकर फेकेंगे, तो मेरे सामने बैठे शिवसैनिक इस अध्यादेशको जलाकर राख कर देंगे ।
४. क्या सरकारमें इस अध्यादेशको सर्वधर्मियोंके लिए लागू करनेका साहस है ?
…तो, ‘हिंदुओंके समूहको भी मतदान केंद्रोंपर टकराने दो’ ।
श्री ठाकरेने कहा कि यदि महाराष्ट्रके मुख्यमंत्री कहते हैं, ‘मुसलमानोंके समूहको मतदान केंद्रोंपर आने दें तो मैं आवाहन करता हूं, हिंदुओंके समूह भी मतदानकेंद्रोंपर टक्कर दें ।’
‘हिंदू’ है, यदि केवल इसलिए फंसाया जाएगा, तो सहन नहीं करेंगे ।
शरद पवारकी सरकारपर आलोचना करते हुए श्री उद्धव ठाकरेने कहा कि पिछले पांच वर्षोंसे मालेगांव विस्फोट प्रकरणमें साध्वी प्रज्ञासिंह तथा कर्नल पुरोहित कारागृमें सड रहे हैं । यदि वे विस्फोटमें सम्मिलित हैं, तो उनपर अवश्य कार्यवाही करें; परंतु यदि वे केवल ‘हिंदू’ हैं; इसलिए उन्हें फंसाया जाएगा, तो निश्चित रूपसे इसे सहन नहीं किया जाएगा । श्री उद्धव ठाकरेने चेतावनी देते हुए कहा कि १५ मिनटोंमें हिंदुओंको समाप्त करनेकी भाषा बोलनेवाले ओवैसीके विरोधमें कोई कुछ नहीं बोलता । ओवैसीको कुचलनेके लिए शिवसैनिक जीवित हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात