अश्विन पौर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११५
बाबा रामदेव की पतंजलि योग पीठ में वर्षभर चलने वाले सामान्य शिविरों के अलावा अगले तीन महीनों तक कोई कार्यक्रम नहीं है। नवंबर से जनवरी तक बाबा के देशव्यापी दौरे तय हो चुके हैं।
नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में उनके अधिकतर शिविर निर्धारित किए गए हैं। हाल ही में राज्यों के चुनाव आयोग ने बाबा के शिविरों को भाजपा का प्रचार मानकर शिकंजा कसा है।
सीधे भाजपा का प्रचार नहीं लगेंगे शिविर
इसे देखते हुए नई रणनीति बनाई जा रही है। भारत स्वाभिमान आंदोलन के तहत शिविर स्थलों के समीप अलग से प्रचार तंत्र काम करेगा। इसके अंतर्गत जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां बाबा योग शिविरों के मंचों पर ऐसे संदेश देंगे, जो प्रत्यक्षत: राष्ट्रवादी होंगे और सीधे भाजपा का प्रचार नहीं लगेंगे।
इसके विपरीत स्वाभिमान आंदोलन के कार्यकर्ता शिविर स्थलों के समीपवर्ती क्षेत्रों में बाबा का मोदी संदेश आते-जाते शिविरार्थियों को देंगे।
मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर ही पतंजलि लौटेंगे
बाबा रामदेव पहले कह गए हैं कि वे अब मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर ही पतंजलि लौटेंगे। बाबा का दावा है देशभर में उनके करोड़ों भक्त और स्वयं सेवक हैं जो उनके कहने पर वोट करेंगे।
बाबा चूंकि आम चुनाव तक देशभर के शिविरों में व्यस्त रहेंगे। नववर्ष, दीपावली, होली आदि पर्वों पर बाबा एक-दो दिन के लिए हरिद्वार आएंगे।
स्त्रोत : अमर उजाला