कार्तिक कृष्ण १ , कलियुग वर्ष ५११५
धर्मविरोधी जादूटोना अधिनियम, गोरक्षा, संतोंकी
अपकीर्तिके साथ अनेक विषयोंकी नीति निर्र्धारित होगी !
जलगांव जिलेके बहुसंख्यक हिंदू समाजमें उत्पन्न हुई असुरक्षाकी भावना प्रकट करने हेतु सारे हिंदुत्ववादी संगठनोंका हिंदू राष्ट्र स्थापनाके एक सूत्रपर सक्रिय संगठन करनेके उद्देश्यसे यहां प्रांतीय हिंदू अधिवेशनका आयोजन किया गया है । यहांके अहिंसा तीर्थ, रतनलाल सी. बाफना गोशाळा, कुसुंबा, जलगांव सभागृहमें १९ तथा २० अक्तूबरको होनेवाले अधिवेशनमें जलगांव, धुलिया, नंदुरबार तथा नासिक जिलेके हिंदुत्ववादी संगठन, संप्रदाय, धर्माचार्य, प्रवचनकार, अधिवक्ता, वार्ताकार, विचारशील तथा अन्य क्षेत्रोंके ३० संगठनोंके ८० से अधिक प्रतिनिधियोंके साथ संत-महंत सम्मिलित होनेवाले हैं ।
हिंदू धर्मपर आनेवाले संकटोंके संबंधमें विविधांगोंसे चर्चा होगी !
इस अधिवेशनमें विशेषकर हिंदू धर्मपर हो रहे आघातोंपर चर्चा कर समान कार्यक्रम निश्चित किया जाएगा । उद्बोधन सत्र, अनुभवकथन तथा गुटचर्चा के माध्यमसे अधिवेशनके सारे विषयोंपर चर्चा की जाएगी । इससे पूर्व गोवामें लगातार दो वर्ष अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनका सफलतापूर्वक आयोजन किया गया । इस अधिवेशन हेतु आए महाराष्ट्रके हिंदुत्ववादी संगठनोंके प्रतिनिधि राज्यस्तरपर हिंदुओंका संगठन करने हेतु अधिवेशनमें आगे आए हैं । अधिवेशनके कारण राज्यके हिंदुओंकी अनेक समस्याओंका निराकरण होकर विश्वशांति हेतु हिंदू राष्ट्र स्थापनाके कार्यको बल प्राप्त होनेमें सहायता होगी । अधिवेशनके स्थानपर हिंदू जनजागृति समितिने गोरक्षा, क्रांतिकारी, कश्मीरी हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचार, धर्मशिक्षा, धर्मरक्षा, इन विषयोंके संदर्भमें सिद्ध विशेष प्रदर्शनी लगाई जानेवाली है ।
स्त्रोत : सनातन प्रभात