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हिंदू जनजागृति समितिके समन्वयकद्वारा कुराणका अनादर होनेके कारण उन्हें बंदी बनाएं !

कार्तिक कृष्ण ६ , कलियुग वर्ष ५११५

आंध्रप्रदेशमें धर्मांधोद्वारा आरोप !

  • अफगानिस्तानमें तालिबानियोंद्वारा कुराणमें बम रखकर धर्मांध राज्यपालकी हत्या करनेसे क्या कुराणका अनादर नहीं हुआ ?

  • उस समय भारतके धर्मांध चुप क्यों रहते हैं ?

तिरुपति – एम.जे.ए., इस धर्मांध संगठनके अध्यक्ष सय्यदशाह शफी अहमद कादरीद्वारा यह मांग की गई है कि हिंदू जनजागृति समितिके आंध्रप्रदेश समन्वयक श्री. चेतन जनार्दनद्वारा कुराणका अनादर किया गया है । अतः पुलिस उन्हें बंदी बनाए । २२ अक्तूबरको यहां आयोजित पत्रकार परिषदमें उन्होंने यह मांग की ।

साथ ही उस समय कादरीने यह आह्वान भी किया कि कुराणमें अन्य धर्मियोंका अनादर करनेवाले सूत्र नहीं हैं । चेतन जनार्दन इस बातको स्पष्ट करें कि मुसलमान धर्म अस्वीकार करनेवालोंपर हिंसात्मक कृत्य करने चाहिए, ऐसा कुराणमें बताया गया है ।

कुराणका अनादर नहीं किया है ! – चेतन जनार्दनद्वारा स्पष्टीकरण

श्री. चेतन जनार्दन

श्री. चेतन जनार्दन

हिंदू जनजागरण समितिके समन्वयक श्री. चेतन जनार्दनने प्रसारित एक पत्रकद्वारा बताया कि हमने किसी भी प्रकारसे कुराणका अनादर नहीं किया है । विभिन्न समाचारप्रणालोंने समितिद्वारा आयोजित पत्रकार परिषदका ध्वनिचित्रीकरण किया है । आप उस चित्रीकरणकी जांच कर सकते हैं । उन्होंने उस समय यह भी स्पष्ट किया कि हम केवल इस्लामिक विश्वविद्यालयका विरोध कर रहे हैं । श्री. जनार्दनने आगे बताया कि एम.जे.ए.द्वारा मुख्य विषयको दूर रखकर दूसरा ही विषय प्रस्तुत करनेका प्रयास किया जा रहा है । समितिपर लगाए गए आरोपके विरोधमें मानहानिका अपराध प्रविष्ट करनेके लिए हम अधिवक्ताओंकी सलाह ले रहे हैं । उन्होंने यह मांग की कि शासनको इस्लामिक विश्वविद्यालयकी जांच कर आरोपीके विरुद्ध त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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