कार्तिक कृष्ण ७, कलियुग वर्ष ५११५
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मनमोहन सिंह के चीन दौरे से भले ही दोनों देशों के बीच दोस्ती की नई इबारत लिखने की बात कही जा रही हो लेकिन जमीनी हकीकत इससे जुदा है। दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी बनी हुई है।
चीन ने लगातार भारत पर अपनी नजर गढ़ा रखी है। इन नजरों को और पैना करने के लिए भारत के जल क्षेत्र की निगरानी में चीन की सैटेलाइट्स तैनात की गई हैं।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के महानिदेशक अविनाश चंदर ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र की निगरानी के लिए चीन के १९ सैटेलाइट काम कर रहे हैं।
अविनाश चंदर ने एक सेमिनार में कहा कि भारत को और सावधान रहने की जरूरत है। साथ ही इन सैटेलाइट के जरिए प्रेषित होने वाले सूचनाओं को बेअसर करने की क्षमता हासिल करना भी जरूरी है।
चंदर ने जोर दिया की भारत को अपने जल क्षेत्र को सभी तीन आयामों में सुरक्षित करने के लिए तकनीक विकसित करने की आवश्यकता है। इसके लिए ८० से १०० सैटेलाइट की जरूरत है जो कुछ घंटों या एक दिन में सूचना दे सकें। यह निगरानी रणीनीतियों की समीक्षा का समय है। पश्चिम इस मामले में ज्यादा आधुनिक है।
उन्होंने आगे कहा कि हमें समुद की गहराइयों में शत्रु की सबमरीन्स की दूर से ही पहचान करने वाली डीप-सी सोनार तकनीक भी चाहिए। हालांकि डीआरडीओ पानी के अंदर अपनी क्षमताएं बढ़ाने के लिए शोध पर काम कर रहा है।
यह स्थितियां तब हैं जब अभी हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चीन प्रधानमंत्री के बीच दोनों देशों तनाव कम करने और शांति स्थापित करने को लेकर एक अहम समझौता हुआ है। इसके तहत दोनों देशों ने सीमा पर तनाव बढ़ने से रोकने और इस तनाव की वजह से संबंधों को बिगड़ने से बचाने के लिए एक अहम करार किया है।
स्त्रोत : जागरण