कार्तिक कृष्ण १० , कलियुग वर्ष ५११५
प.पू. आसारामबापूकी अपकीर्ति करनेवाले प्रसिद्धिमाध्यमोंको क्या यह वृत्त प्राप्त नहीं हुआ अथवा उसे दिखानेसे उनके स्वामी उन्हें रोकते हैं ?
नई मुंबई : व्यसनाधीन (शराबी) पिताने ४ वर्षकी अपनी बेटीको नेरुलके एक पादरीको बेच दिया । तदुपरांत लगातार ९ वर्ष यह लडकी वासनांध पादरीके अत्याचारोंकी बलि चढती रही । ‘सज्ञान’ होनेपर, उसे पेटमें कष्ट होने लगा, इसपर उसे गर्भनिरोधक गोलियां लेनेके लिए बाध्य किया गया ।
१. कुछ दिनों पश्चात लैंगिक शोषणकी बात उस लडकीकी समझमें आने लगी, तब उस पादरीने उसे ठाणेके एक अन्य पादरीके हाथों बेच दिया ।
२. इस पादरीने भी उसका लैंगिक शोषण करना आरंभ ही रखा । लडकीके विरोध करनेपर उसने उसे वापिस पहलेवाले पादरीके पास भेज दिया ।
३. उस पादरीने लडकीकी आयुका झूठा प्रमाणपत्र सिद्ध कर उसका विवाह एक मनोरुग्ण व्यक्तिसे कराया ।
४. इन सारी घटनाओंसे उद्विग्न होकर जब लडकी अपनी मां के पास गई, तब मां ने उसे सहारा देनेकी अपेक्षा पहलेवाले पादरीके पास भेज दिया ।
५. अंतमें इस लडकीको मानसिक रुग्ण व्यक्तियों हेतु स्थापित अनाथगृहमें भेज दिया गया ।
६. वहां भी दुर्भाग्यने उसका पीछा नहीं छोडा । अनाथगृहके व्यवस्थापकने उसका लैंगिक शोषण करना आरंभ ही रखा ।
७. यह बात जब बाल कल्याण समितिके निदर्शनमें आई, उसके एक वर्ष पूर्व उसे रोहतक (हरियाणा) के आसरागृह भेजा गया ।
८. एक वर्ष पूर्व ७ अक्तूबरको इस लडकीने बाल कल्याण समितिके सामने साक्ष्य (गवाही) दी । उस समय पहला पादरी पी.टी. बाबू उपस्थित था । ध्वनिमुद्रित की गई साक्ष्यमें लडकीने उसके साथ बाबू द्वारा ९ वर्ष किए गए लैंगिक अत्याचारोंकी संपूर्ण जानकारी दी, तथा दूसरी महिलाओंके साथ भी बाबूके शारीरिक संबंध थे, ऐसा बताया ।
९. बाबूने जब उसे दूसरा पादरी ठाणेके बबन घुलेके पास भेजा, तब उसने भी यही प्रयास किया । उसके आसरागृहमें तीन और लडकियां थीं, लडकीने ऐसी जानकारी दी ।
१०. बाबूने लडकीके पितासे आयुका झूठा प्रमाणपत्र लेकर उसका विवाह विलियम डेविड नामक मनोरुग्ण वाहन चालकसे करवाया ।
११. वर्तमानमें यह लडकी पनवेल स्थित मानसिक अपंग लडकियोंके अनाथालयमें रह रही है ।
(संदर्भ : मिड डे, २४.१०.२०१३)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात