कार्तिक कृष्ण १० , कलियुग वर्ष ५११५
एक ही जिलेके दो नगरोंमें एक ही घटनामें अलग-अलग भूमिका अपनानेवाली, ‘हम करें सो कायदा’ वृत्तिकी पुलिस !
रत्नागिरी : अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समितिके प्रा. श्याम मानवका २७ अक्तूबरको ‘जादूटोनाविरोधी कायदा एवं समझ-नासमझ’ इस विषयपर व्याख्यान हानेवाला था । व्याख्यानमें किसी प्रकारकी बाधा न आए, इस हेतु रत्नागिरी नगर पुलिस थाना पुलिस निरीक्षक दिलीप बोरस्तेने हिंदू जनजागृति समितिके जिला समन्वयक श्री. संजय जोशीको फौजदारी प्रक्रिया संहिता धारा १४९ के अनुसार नोटिस भेजी। ( हिंदू जनजागृति समितिने अबतक हर आंदोलन वैध पद्धतिसे ही किया है, ऐसी स्थितिमें समितिके समन्वयकोंको नोटिस क्यों ? क्या अन्य धर्मियोंको पुलिस ऐसी नोटिस देती ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
इस अवसरपर हिंदुत्ववादियोंसे बोलते हुए रत्नागिरी नगर पुलिस थाना पुलिस निरीक्षक दिलीप बोरस्तेने कहा, आपको जैसी नोटिस दी है, वैसी ही श्याम मानवके व्याख्यान आयोजकोंको भी नोटिस भेजी है । श्याम मानवके व्याख्यानका ध्वनिचित्रीकरण किया जानेवाला है । उसकी एक प्रति आपको भी दी जाएगी । व्याख्यानमें श्याम मानव यदि धार्मिक भावनाओंपर आघात करनेवाले वक्तव्य दें, तो स्वयं मैं गवाही दूंगा ।
हिंदुत्ववादियोंद्वारा वैध पद्धतिसे निदर्शन करनेकी मांगी गई अनुमति रत्नागिरी पुलिसने अस्वीकार की !
रत्नागिरी : हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंपर आघात करनेवाले तथा हिंदुत्ववादी संगठनोंकी अपकीर्ति करनेवाले अंनिसके प्रा. श्याम मानवके रत्नागिरिमें होनेवाले व्याख्यानके स्थानपर वैध पद्धतिसे निदर्शन करने हेतु हिंदुत्ववादियोंने पुलिससे अनुमति मांगी थी; किंतु पुलिसने उसे अस्वीकार किया । २५ अक्तूबरको समस्त हिंदुत्ववादी संगठन तथा वारकरी संप्रदायकी ओरसे जिला पुलिस अधीक्षक दीपक पाण्डेको इस विषयमें आवेदन दिया गया । ( वैध पद्धतिसे होनेवाले आंदोलनको अनुमति न देना, पुलिसकी तानाशाही ही है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात