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बांगलादेशमें राजनैतिक पक्षोंके धर्मांध कार्यकर्ताओंने हिंदुओंकी १८ दुकानें लूटकर उनमें आग लग

कार्तिक कृष्ण १२ , कलियुग वर्ष ५११५ 

गुजरात दंगके कारण १० वर्ष पूर्वसे मोदीके साथ छल करनेवाले भारतके तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी पक्ष तथा बुद्धिवादी क्या इसपर मुंह खोलेंगे ?

हिंदुओ, बलाढ्य हिंदुत्ववादी संगठन इस विषयमें कुछ नहीं करेंगे, अत: सर्वत्रके हिंदुओंकी रक्षा होने हेतु अभीसे संगठित हो जाओ !

ढाका : बांगलादेशके लालमुनिरहाट जिलास्थित पाटग्राम उप-जिलेमें विरोधी पक्षोंके धर्माध कार्यकर्ताओंने हिंदुओंकी न्यूनतम १८ दुकानोंमें लूटमार की तथा उनमें आग लगाई । ये कार्यकर्ता बांगलादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बी.एन.पी.) एवं जमात पक्षके हैं तथा ‘हमारे नाम सबके सामने प्रस्तुत किए तो अच्छा नहीं होगा’, पीडित हिंदुओंने ऐसी धमकी दिए जानेकी बात बताई है ।

१. स्थानीय हिंदुओ द्वारा दी गई जानकारीके अनुसार, श़फीनगर क्षेत्रमें कुल ५० दुकानें हैं; किंतु धर्मांधोंने केवल हिंदुओंकी दुकानोंको लक्ष्य कर आग लगाई ।

२. ‘दी स्टार’, वृत्तपत्रको जानकारी देते हुए एक हिंदू दुकानदारने बताया कि बी.एन.पी. एवं जमात पक्षके कार्यकर्ताओंने बजारमें प्रवेश कर कोई भी खुराफात (छेडछाड) न होते हुए भी दुकानोंमें आग लगाई । उनमेंसे कुछ व्यक्तियोंने मुंहपर काले कपडे बांध रखे थे ।

३. पाटग्राम पुलिस थानाके प्रभारी सोहराब हुसेनको इस घटनाका समाचार प्राप्त हुआ; किंतु आवश्यक मनुष्यबलके अभावमें सहायता नहीं कर सका, ऐसी स्वीकृति दी । ( झूठा कारण देकर हिंदुओंकी जानबूझकर रक्षा न करनेवाली बांगलादेशकी हिंदूद्रोही पुलिस ! संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

४. सत्ताधारी अवामी लीग पक्षके बावरा स्थित कामगार संगठनके महासचिव संजय दत्तने इस घटनाका दोष बी.एन.पी. तथा जमात पक्षके कार्यकर्ताओंपर थोप दिया है; किंतु बी.एन.पी. पक्षके बावरा स्थित कामगार संगठनके अध्यक्ष शमसुल आलमने यह आरोप स्वीकार नहीं किया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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