कार्तिक कृष्ण १२ , कलियुग वर्ष ५११५
संतप्त हिंदू संगठनोंद्वारा विरोध !
कहां देवताओंका अपमान होनेपर तुरंत जागृत होकर विरोध करनेवाले विदेशके धर्माभिमानी हिंदू तथा उनके संगठन, तो कहां प्रतिदिन देवताओंकी विडंबना होनेपर भी निष्क्रिय रहनेवाले भारतके तथाकथित बलाढ्य हिंदुत्ववादी संगठन तथा पक्ष !
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जोहान्सबर्ग – दक्षिण अफ्रिकाके व्यंग्यचित्रकार जोनाथन झापिरो शापिरोद्वारा व्यंग्यचित्रमें श्री गणेशका उपयोग कर हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंको आघात पहुंचानेसे वहांके हिंदू संगठनोंने संताप व्यक्त किया है, ‘दी स्टार’ वृत्तपत्रद्वारा ऐसा वृत्त प्रकाशित किया गया है । यह व्यंगचित्र हिंदुओंकी श्रद्धाओंका घोर अपमान करनेवाला है अत: उससे हिंदुओंके देवताओंकी विडंबना हुई है, हिंदू संगठनोंने ऐसी भूमिकाअपनाई है ।
१. शापिरोके संकेतस्थलपर तथा संडे टाईम्स वृत्तपत्रमें प्रकाशित व्यंग्यचित्रमें श्री गणेशको हाथमें क्रिकेटकी बैट तथा नोटोंकी गड्डी लिए तथा उसके सामने स्थित बलिवेदीपर ऐसा दिखाया गया है कि दक्षिण अफ्रिका क्रिकेट मंडलके अधिकारी वहांके क्रिकेट मंडलके मुख्य कार्यकारी अधिकारी हारुन लोगार्टकी बलि चढा रहे हैं और यह बलि भारतीय क्रिकेट मंडलके दबावमें आकर दी जा रही है, ऐसा इसका अर्थ है ।
२. इस व्यंग्यचित्रके विरुद्ध दक्षिण अफ्रिका स्थित हिंदू धर्म सभा संगठनद्वारा वहांके धार्मिक हक आयोगमें औपचारिक परिवाद प्रविष्ट किया गया है ।
३. इस व्यंग्यचित्रके विरुद्ध अनेक हिंदुओंद्वारा क्रोध प्रकट करनेकी बात हिंदू धर्म सभा संगठनके अध्यक्ष राम महाराजने कही है तथा झापिरो हिंदुओंसे क्षमा मांगे, ऐसी मांग की है ।
४. ‘दी स्टार’ वृत्तपत्रद्वारा प्रकशित वृत्तानुसार दक्षिण अफ्रिका हिंदू महासभा संगठनके अध्यक्ष आश्विन त्रिकमजीने कहा है कि इस व्यंग्यचित्रके कारण हिंदू धर्मियोंकी श्रद्धाओंका अपमान हो रहा है । दक्षिण अफ्रिका तामिल फेडरेशन संगठनने इस मतसे सहमति दर्शायी है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात