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तिरुपतिके इस्लामिक विश्वविद्यालयका निर्माणकार्य न रोकनेपर राष्ट्रव्यापी आंदोलनकी चेतावनी !

कार्तिक कृष्ण १४ , कलियुग वर्ष ५११५

अधिवेशनमें मार्गदर्शन करते हुए श्री. चेतन जनार्दन तथा व्यासपीठपर अन्य हिंदुत्ववादी नेता

अधिवेशनमें मार्गदर्शन करते हुए श्री. चेतन जनार्दन तथा व्यासपीठपर अन्य हिंदुत्ववादी नेता

तिरुपतिका एक दिवसीय जिलास्तरीय हिंदू अधिवेशन

तिरुपति (आंध्रप्रदेश) : तिरुपतिके इस्लामिक विश्वविद्यालयका निर्माणकार्य रोका जाए, इस प्रमुख मांग हेतु तिरुपतिमें २७ अक्तूबरको यहांके जिवाकोना, विश्वम् पाठशाला सभागृहमें प्रथम जिलास्तरीय हिंदू अधिवेशन आयोजित किया गया । इस अधिवेशनमें हिंदू संगठनोंके ८० पदाधिकारियोंने सहभाग लिया ।

..तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन आरंभ किया जाएगा !
– श्री. चेतन जनार्दन, समन्वयक, हिंदू जनजागृति समिति, आंध्रप्रदेश.

इस इस्लामिक विश्वविद्यालयके विरुद्ध हिंदू जनजागृति समिति संकेतस्थलके माध्यमसे निषेध मुहीम आयोजित की जा रही है । हाल ही में हिंदुओंने तिरुपति नगर विकास आयोग (टी.यू.डी.ए.के ) कार्यालयके सामने निषेध आंदोलन किया । उसका वृत्त अनेक प्रसारमाध्यमोंने प्रकाशित किया । टी.यू.डी.ए.ने अथवा प्रशासनने कोई भी कार्यवाही नहीं की, तो इस घटनामें राष्ट्रव्यापी आंदोलन हाथमें लिया जाएगा । हिंदुओंने संगठित होकर अपनी मांगें प्रस्तुत कीं, तो केंद्र में किसी भी पक्षका प्रशासन सत्तामें आया, उन्हें मान लेनेके अतिरिक्त कुछ पर्याय नहीं ।

दूसरोंके लिए न रुककर स्वयं ही धर्म हेतु आगे आएं ! – श्री. गौरय्या, हिंदू रक्षा समिति

हिंदू धर्मरक्षा करने हेतु लडाई तीव्र करनेका यही समय है । यह अवसर हमने गंवाया तो, तिरुपति जैसा पवित्र क्षेत्र बचाने हेतु दूसरा अवसर प्राप्त नहीं होगा । दूसरों हेतु न रुककर हम ही धर्म हेतु आगे आएं । हिंदू जनजागृति समितिके कार्यके विषयमें मुझे आनंद होता है । यह संगठन छोटा नहीं । केवल कार्यकर्ताओंकी संख्यापर न जाएं । हिंदू जनजागृति समितिका कार्य आंध्रप्रदेशमें शीघ्रतासे फैल रहा है ।

धर्म हेतु प्राण अर्पण करनेको हम सिद्ध हैं ! – श्री. आकुला कृष्ण किशोर

तिरुपति स्थित श्रीकृष्ण मंदिरकी ३० एकड भूमि है तथा इसी भूमिपर इस्लामिक विश्वविद्यालयका निर्माणकार्य आरंभ है । प्रशासन यह सब जानता है तथा उनके पास इसके सारे प्रमाण ;हैं किंतु उसपर कार्यवाही नहीं होती । इस घटनामें मेरे विरोध करनेसे मुझे धमकी देनेवाले अनेक दूरभाष आए; विंâतु इस कार्य हेतु मैं प्राण अर्पण करनेको सिद्ध हूं ।

हिंदू धर्मकी रक्षा करने हेतु क्षात्रवृत्ति अपनाना आवश्यक ! – श्री. प्रमोद चैतन्य स्वामी, आर्ष विद्या भारती

हिंदू धर्मकी रक्षा करने हेतु हिंदुओंको स्वयंमें क्षात्रवृत्ति अपनाना आवश्यक है । प्रशासन भले ही धर्मनिरपेक्ष हो, विंâतु हमें इस विचाराधाराके विरुद्ध लडाई लडनी है । क्षात्रवृत्ति, यह धर्मकी देन है ।

अपनी वर्णाश्रमव्यवस्था ध्यानमें रखकर हमें क्षत्रियों जैसी लडाई लडनी चाहिए, श्री. जयचंद्र हिंदूने इस अवसरपर ऐसा बताया ।

इस अधिवेशनमें तिरुपति देवस्थानके श्री. गोपाल रेड्डी, भारतीय जनता युवा मोर्चाके राष्ट्रीय समन्वयक श्री. महिपाल रेड्डी तथा दलित हिंदू धर्म परिषदके राज्यस्तरीय अध्यक्ष श्री. एम. बापूजी उपस्थि त थे ।

क्षणिकाएं

१. सामूहिक विचारगोष्ठीमें तिरुपति तथा चित्तूर जिलेके नेताओंने अपने मत व्यक्त किए । इस घटनामें उनके विभागमें जागृति उत्पन्न कर आंदोलन हाथमें लेना निा श्चि त किया ।

२. अधिवेशनके दिन ही सामाजिक कार्यकर्ता श्री. आकुला कृष्ण किशोरके निकट संबंधीकी मृत्यु हो गई । विंâतु उन्होंने अधिवेशनके कार्यक्रममें सहभाग लेकर अपने विचार व्यक्त किए ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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