कोलकाता – वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की गुमशुदगी को लेकर कई दशकों से उलझी गुत्थी पर शनिवार को सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि तत्कालीन सोवियत प्रमुख जोसेफ स्टालिन ने नेताजी की हत्या करायी थी।
कोलकाता में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए स्वामी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए दावा किया कि नेताजी की मृत्यु 1945 ई में विमान दुर्घटना में नहीं, बल्कि उनकी हत्या स्टालिन ने करायी थी। स्वामी ने केंद्र सरकार से नेताजी की गुमशुदगी से जुड़ी गुप्त फाइलों को भी सार्वजनिक करने की मांग की।
स्वामी ने आरोप लगाया कि स्वतंत्रता सेनानी बोस को साइबेरिया में कैद कर स्टालिन ने उनकी हत्या करवा दी थी। हालांकि स्वामी ने नेताजी से जुड़ी गोपनीय फाइलों के सार्वजनिक करने पर भारत सरकार के रूस व ब्रिटेन के साथ संबंध पर असर पड़ने की संभावना पर सहमति जताई। फिर भी उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे।
भाजपा नेता स्वामी ने अपने पास मौजूद कागजात व साक्ष्य के आधार पर दावा किया कि नेताजी ने विमान दुर्घटना में अपनी मौत की झूठी खबर फैलाई थी। जबकि नेताजी चीन के मंचूरिया चले गए थे। उस समय मंचूरिया रूस के कब्जे में था और रूस में उनके सुरक्षित रहने का और वहां की सरकार पर उन्हें पूरा भरोसा था। लेकिन स्टालिन ने उन्हें वहां से साइबेरिया की एक जेल में डाल दिया। स्वामी ने कहा कि 1953 ई में किसी जगह पर तत्कालीन सोवियत प्रमुख स्टालिन ने उन्हें फांसी पर लटका दिया। इसके अलावा स्वामी ने यह भी दावा किया कि तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को साइबेरिया के याकुतस्क जेल में नेताजी को बंदी बनाये जाने के बारे में पता था। उन्होंने कहा कि इसलिए नेताजी से जुड़ी गोपनीय फाइलों के जल्दबाजी में सार्वजनिक करने से सरकार को दिक्कतों का सामना कर सकता और इससे भारत के रूस व चीन के साथ संबंध बिगड़ सकता है। फिर भी उन्होंने कहा कि वे मोदी से इसको सार्वजनिक करने की मांग करेंगे ताकि देश व दुनिया नेताजी की मौत की सच्चाई के बारे में जान सके।
गौरतलब है कि नेताजी का परिवार भी लंबे अरसे से उनसे जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग करती आ रही है। हाल में नेताजी के परिजनों ने इस बाबत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं से भी मुलाकात कर इस मामले में मदद मांगी थी। इसके अलावा चेंबर के कार्यक्रम में स्वामी ने सोवियत माडल की तीखी आलोचना की और कहा कि 1950 से 1990 के समय में इस माडल ने भारत के लिए कोई काम नहीं किया।
स्त्रोत : जागरण