लखनऊ (उत्तरप्रदेश) – माघ माह के मुख्य स्नान मकर संक्राति पर्व के एक दिन पहले मंगलवार को बिठूर में उन्नाव के परियर गांव की ओर गंगा में सौ से अधिक शव उतराने से शासन तक तहलका मच गया। आईजी के अलावा कानपुर नगर और उन्नाव के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।
जेसीबी मंगवाकर गड्ढे कराए गए और शवों को दफनाया गया। मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ ही उन्नाव सदर के विधायक भी पहुंच गये।
कुंवारों और बच्चों के शव को गंगा में प्रवाहित करने की परंपरा है। प्रतिदिन पांच से छह शव गंगा में प्रवाहित किए जाते हैं। बिठूर घाट पर कन्नौज, बिल्हौर आदि जगहों से शव बहते हुए आ जाते हैं। यही शव परियर (उन्नाव जिले का गांव) गांव की ओर किनारे लग जाते हैं।
इन शवों को खाने के लिए चील, कौओं के साथ ही कुत्ते और सियार भी टूट पड़ते हैं। आस्था और मान्यता के कारण प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस भी लोगों को शव प्रवाहित करने से नहीं रोकती।
बुधवार को मां गंगा प्रदूषण मुक्ति अभियान समिति के संयोजक रामजी त्रिपाठी दोपहर एक बजे ब्रह्माावर्त घाट पर पहुंचे तो उन्हें किसी ने गंगा में एक सौ से अधिक शव उतराने की सूचना दी। शव देखने के बाद उन्होंने सूचना आईजी जोन आशुतोष पांडेय और एसपी उन्नाव को दी और खुद धरने पर बैठ गए।
स्त्रोत : नर्इ दुनिया