कार्तिक शुक्ल २ , कलियुग वर्ष ५११५
लेह – लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) हवाई पट्टी पर भारत द्वारा गत अगस्त में विशाल मालवाहक विमान सी-१३०जे सुपर हरक्युलिस उतारने का जवाब देते हुए चीन ने अपनी सीमा में रडार स्टेशन स्थापित किया है। भारत ने इस पर आपत्ति जताई है।
रणनीतिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण डीबीओ के पास चीन द्वारा बनाए जा रहे ढांचे की निगरानी करने वाले भारतीय तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि यह रडार स्टेशन हो सकता है। इस मुद्दे को भारत ने नियमित सीमा बैठक में पड़ोसी देश के समक्ष उठाया। हालांकि, चीन ने इसे मौसम केंद्र बताया। भारत ने चीन के दावे पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में कोई आबादी नहीं है, ऐसे में मौसम केंद्र बनाने का कोई तुक नहीं बनता। तकनीकी विशेषज्ञों के मुताबिक यह ढांचा पहले नहीं था। हालांकि, अभी तक इससे कोई संकेत जारी होने या पाने का प्रमाण नहीं मिला है।
चीन के रुख को देखते हुए भारत ने ४३ साल बाद वर्ष २००८ में विश्व की सबसे ऊंची डीबीओ हवाई पट्टी को फिर से शुरू किया तब एक मालवाहक जहाज एएन-३२ को यहां उतारा गया था। इस साल २० अगस्त को भारतीय वायुसेना द्वारा इस पट्टी पर २० टन तक का साजो-सामान ले जाने में सक्षम विमान सी-१३०जे सुपर हरक्युलिस को सफलतापूर्वक उतारने के बाद चीन ने कथित मौसम केंद्र के निर्माण में तेजी लाई।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात