कार्तिक शुक्लपक्ष १, कलियुग वर्ष ५११५
अब इसपर भगवान को ना मानने वाले ‘विचारकों का एवं बुद्धिवादियों का’ क्या कहना है ? क्या वह यही कहेंगे की इसरो प्रमुख ने तिरूपती जाकर गलती की है ? – संपादक
तिरूपती : देश मंगल पर जाने के तैयारी कर रहा है। सभी की निगाहें आज रवाना होने वाले मिशन मंगल पर लगी हैं। हालांकि इस महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि से ठीक पहले इसरो के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर अपने अंधविश्वास का प्रमाण दिया।
सोमवार को मंगल मिशन अभियान की सफलता के लिए इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन ने सोमवार को तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा-अर्चना की।
उन्होंने भगवान से मिशन की सफलता की कामना की। राधाकृष्णन पीएसएलवी-सी२५ के प्रतिरूप लेकर मंदिर पहुंचे थे, जिसे उन्होंने भगवान के चरणों में भी अर्पित किया।
राधाकृष्णन से पहले भी कई इसरो चेयरमैन अंतरिक्ष अभियानों की सफलता के लिए मंदिरों में दर्शन के लिए जाते रहे हैं।
इसरो चेयरमैन प्रत्येक उपग्रह प्रक्षेपण से पूर्व भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए करीब दो दशकों से यहां आते रहे हैं।
स्त्रोत : अमर उजाला