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रूसके उत्खननमें भगवान श्रीविष्णुकी प्राचीन मूर्ति मिली !

कार्तिक शुक्ल ३ , कलियुग वर्ष ५११५


मॉस्को (रूस) – यहांके वोल्गा भागमें बसे हुए प्राचीन स्तरके मायना गांवमें उत्खननके समय भगवान श्रीविष्णुकी प्राचीन मूर्ति पाई गई ।
१ . उत्खननके समय श्रीविष्णुकी प्राचीन मूर्ति लगभग सातवीं अथवा दसवीं शताब्दीकी होगी ।

२. उत्खनन समूहके डॉ. कोजविनका कहना है कि यद्यपि मायना नामक गांवकी लोकसंख्या ८ सहस्र है, तब भी ऐसा अनुमान है कि १ सहस्र ७०० वर्षोंपूर्व वह बहुत अधिक होगी । अर्थात ये सर्व सिद्धांतोंपर आधारित है ।

३. डॉ. कोजवीन, इस क्षेत्रमें ७ वर्षोंसे उत्खनन कर रहे हैं । अबतक किए गए उत्खननमें  उन्हें प्राचीन सिक्के, पदक, अंगूठियां और शस्त्र मिले हैं ।

४. इस प्राचीन गांवकी वास्तविक उत्पत्ति कब और वैâसे हुई, इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तरपर एक चर्चासत्रका आयोजन किया गया है । उसमें श्रीविष्णुकी मूर्तिपर भी मतप्रदर्शन होनेवाला है ।

५. ऋग्वेदमें इस भागका उल्लेख ७२२ उडनेवाले वाहनोंका प्राचीन और पवित्र प्रदेश किया गया है ।

६. उत्खननमें मिली श्रीविष्णुकी मूर्तिके कारण रूसकी और भारतके रूस एवं भारतके प्राचीन कालमें संबंध थे, इसकी भी पुष्टि हुई है ।

७. श्रीविष्णुके मंदिरमें जिस प्रकार पूजा की जाती है, वैसी ही पूजा-अर्चा रूसकी चर्चमें आज भी वहां की जाती है । वैकुंठ एकादशीके नामसे उनका भी एक उत्सव है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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