नई दिल्ली – क्या विकास कार्यों को करवाने के लिए बाहरी दुनिया से लोगों को लाया जाए। गणतंत्र दिवस पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सुरक्षा के लिए एक हफ्ते के भीतर १५ हजार सीसीटीवी कैमरे दिल्ली में लगा दिए गए। जब भारतीयों की जरूरत के लिए काम करने का समय आता है, तो केंद्र सरकार जल्दी हरकत में नहीं आती है।
यह टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। अदालत ओबामा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे उनके जाने के बाद न हटाने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति बीडी अहमद व न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की खंडपीठ ने सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा कि उसने विदेशी राष्ट्रपति के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, भारतीयों के लिए नहीं।
अगर अदालत सरकार को सीसीटीवी लगाने के लिए कहती तो उसे महीनों व सालों गुजर जाते, लेकिन विदेशी राष्ट्रपति के लिए एक हफ्ते के भीतर ये लगा दिए गए। अब काम करवाने के लिए बाहरी दुनिया से लोगों को लाया जाए। अदालत ने केंद्र, दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या ओबामा के जाने के बाद इन कैमरों को हटा दिया जाएगा? इन्हें हटाने के लिए समयसीमा तय की गई है? या जब तक टूट नहीं जाएंगे, तब तक नहीं हटेंगे? हाई कोर्ट ने इन सभी को ३० जनवरी तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
स्त्रोत : जागरण