हिन्दुआे, धर्मांतरणविरोधी कानून लाने के लिए सरकार से मांग करें !
लखनऊ – विश्व हिन्दू परिषद की युवा शाखा बजरंग दल का दावा है कि पिछले तीन सालों में राजधानी लखनऊ में १२ हजार से अधिक हिन्दुओं का धर्मांतरण करा उन्हें ईसाई बनाया गया है। यह गुपचुप अभियान मिशनरियों ने बड़े पैमाने पर शहर व आस-पास की मलिन बस्तियों में चलाए हैं। ऐसे कई प्रभावित परिवार बजरंग दल के संपर्क में हैं।
वीएचपी के 18 जनवरी को होने वाले हिन्दू सम्मेलन की जानकारी देने के लिए शुक्रवार को प्रेसवार्ता बुलाई गई थी। इस दौरान बजरंग दल के प्रांत रक्षा प्रमुख जितेंद्र चतुर्वेदी ने दावा किया कि मार्टिनपुरवा, बालू अड्डा, सिधौली से लेकर बीकेटी के गांवों तक में बड़े पैमाने पर हिन्दुओं को ईसाई बनाया जा रहा है। इनको भेाजन से लेकर धन तक का लालच दिया गया है।
चतुर्वेदी ने कहा कि मिशनरियों ने रणनीति के तहत धर्मांतरण के बाद नाम परिर्वतन करना बंद कर दिया है, इसलिए भी लोगों तक जानकारी नहीं पहुंच पा रही है। बालू अड्डा में तो नवंबर में धर्मांतरण कराया गया था। यहां के 30 परिवार हमारे संपर्क में हैं। इनके घर वापसी के प्रयास में बजरंग दल लगा हुआ है।
हिन्दू सम्मेलन कल, याद आएंगे भगवान श्रीराम
वीएचपी का हिन्दू सम्मेलन रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर निराला नगर में 12 बजे से होगा। सम्मेलन के संयोजक कन्हैया लाल अग्रवाल ने बताया कि सम्मेलन में वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया, संरक्षक अशोक सिंघल के साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा, नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास, दिगंबर अखाड़ा के सुरेश दास और संत समिति अयोध्या के अध्यक्ष कन्हैया दास की भी मौजूदगी होगी।
सम्मेलन में हिन्दू समाज के ऊपर हो रहे सांस्कृतिक व धार्मिक हमलों से लोगों को जागरूक व सावधान किया जाएगा। माना जा रहा है कि सम्मेलन में वीएचपी, हिंदुत्व, धर्मांतरण से लेकर राम मंदिर तक के मसले को छेड़ने की तैयारी में है। राम मंदिर पर केंद्र सरकार बोलने से बच रही है लेकिन वीएचपी व दूसरे हिन्दूवादी संगठनों ने इस मसले को लगातार छेड़ रखा है।
लखनऊ में यह सम्मेलन इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि यूपी की राजधानी होने के साथ ही संघ के विभाजन के हिसाब से यह अवध प्रांत का भी केंद्र है। इसमें 22 जिले हैं और संगठन के लिहाज से देश के यह अहम प्रांतों में शुमार है। सम्मेलन को सफल बनाने के लिए जातीय व हिन्दू संगठनों से भी संपर्क किया गया है। वीएचपी 20 हजार से अधिक लोगों को इसमें भागीदारी का दावा कर रहा है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स