कराची – पाकिस्तान की एक अदालत ने एक हिंदू लड़की को उसके मुस्लिम पति के साथ रहने की इजाजत नहीं दी। कथित जबरन धर्म परिवर्तन व वास्तविक उम्र को लेकर पैदा हुए विवाद का एक मामले में सुनवाई के दौरान अदालत न यह फैसला सुनाया है।
धर्म परिवर्तन के बाद अंजलि कुमारी मेघवार का नया नाम सलमा रखा गया है। मोहम्मद बख्श अनवर सियाल से प्रेम होने के बाद अंजलि ने इस्लाम कबूल कर लिया। अदालत ने अंजलि को अपने पति या माता-पिता के साथ जाने की इजाजत ना देकर उसे महिला आश्रय गृह में भेज दिया।
सिंध हाई कोर्ट के अधिकारियों ने बताया, ‘उसकी उम्र को लेकर विवाद है और अदालत ने मेडिकल जांच के आदेश दिए हैं। अदालती दस्तावेजों में अंजलि के पति ने उसकी उम्र 18 साल बताई है, जबकि माता-पिता उसकी उम्र 13 साल बता रहे हैं।’
अदालत का फैसला शुक्रवार को जारी हुआ है, जिसके बाद यह दिशा-निर्देश सामने आए हैं। इससे पहले बुधवार को अदालत ने अंजलि के पिता कुंदनदास मेघवार की ओर से दायर जबरन धर्म-परिवर्तन संबंधी याचिका और उसकी सास माई बशिरन की ओर से अपने बेटे के खिलाफ दर्ज अपहरण के मामले को खारिज करने संबंधी दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
अंजलि बुधवार को अदालत के समक्ष पेश हुई थी और उसे अपने पति तथा माता-पिता से अलग-अलग मिलने की अनुमति दी गई थी। अदालत ने अब मैजिस्ट्रेट को आदेश दिया है कि वह लड़की से मिलकर उसका बयान दर्ज करें और पता लगाएं कि क्या उसका जबरन धर्म-परिवर्तन कराया गया था।
अंजलि के पिता ने अदालत से यह घोषित करने का अनुरोध किया था कि वह महज 13 साल की नाबालिग बच्ची है तथा उसका अपहरण कर उससे जबरन इस्लाम कबूल कराया गया था। हालांकि लड़की ने जजों को बताया कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया और सियाल से निकाह किया।
स्त्रोत : नर्इ दुनिया