कार्तिक शुक्ल ६, कलियुग वर्ष ५११५
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लंदन – पाकिस्तान की परमाणु हथियार परियोजनाओं में सऊदी अरब ने भी पैसा लगाया है। उसे यह भी विश्वास है कि जरूरत पड़ने पर वह कभी भी परमाणु बम हासिल कर सकता है। यह दावा बीबीसी की एक रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट में पश्चिमी व पाकिस्तानी अधिकारियों तथा गुप्तचरों के हवाले से कहा गया है, 'परमाणु हथियारों को लेकर सऊदी अरब की इच्छा को ईरान के परमाणु कार्यक्रम की काट से जोड़कर देखा जा रहा है। अब यह मुमकिन हो गया है कि सऊदी अरब ईरान की अपेक्षा अधिक तेजी से परमाणु हथियार तैनात कर सकता है।'
बीबीसी के न्यूजनाइट कार्यक्रम के राजनीतिक एवं रक्षा संपादक मार्क अर्बन ने बताया, 'इस वर्ष की शुरुआत में नाटो के एक वरिष्ठ नीति निर्धारक ने मुझसे उन खुफिया रिपोर्टो के बारे में बताया था जिनमें पाकिस्तान में सऊदी अरब के धन से बने परमाणु हथियार सऊदी अरब को देने को तैयार रहने की बात कही गई थी।'
इजरायली सैन्य खुफिया के पूर्व प्रमुख अमोस यादलिन ने गत माह स्वीडन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, 'यदि ईरान परमाणु बम हासिल कर लेता है, तो सऊदी अरब एक महीने का भी इंतजार नहीं करेगा। उन्होंने बम के लिए पहले ही पैसा दे दिया है। वे पाकिस्तान जाएंगे और जो चाहते हैं, ले आएंगे।'
वर्ष २००९ में सऊदी अरब के शासक शाहर अब्दुल्ला ने मध्य पूर्व मामलों के अमेरिकी दूत डेनिस रॉस को चेतावनी दी थी कि यदि ईरान ने हदें लांघी, तो वे भी परमाणु हथियार तैनात करेंगे। तबसे सऊदी अरब कई बार अमेरिका से अपनी मंशा बता चुका है।
वर्ष २०१३ तक अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के परमाणु हथियार अप्रसार मामलों के सलाहकार रह चुके गैरी सेमोर ने न्यूज नाइट को बताया, 'मुझे लगता है कि सऊदी मानते हैं कि पाकिस्तान के साथ उनका इतना अच्छा तालमेल है कि आपात स्थिति में वे परमाणु हथियार हासिल कर लेंगे।'
स्त्रोत : जागरण