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नेपालको पुनः ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने हेतु कार्यरत नेपाल के हिन्दुत्वनिष्ठों से संपर्क करते समय हुए अनुभव और विशेष घटनाएं !

   पू. (डॉ) चारूदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक,    हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक  पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे १४  से २८ दिसंबर  २०१४ की कालावधि में नेपाल में थे । उनके साथ समिति के कार्यकर्ता श्री. गुरुराज प्रभु भी थे । इस अवधि में उन्होंने नेपाल को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने हेतु प्रयासरत नेपाल के विविध संगठन और हिंदुत्वनिष्ठों से भेंट की । इस समय भारत और नेपाल इन दोनों राष्ट्रों को  हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के संबंध में आपसी विचार, बाधाएं एवं अनुभवों का आदान-प्रदान किया गया ।

इस कालावधि में ‘सनातन संस्था’ और ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ द्वारा निर्मित दो ग्रंथ ‘शिव’ एवं ‘शक्ति’ तथा ‘धर्मशिक्षा फलक’ का नेपाली भाषा में प्रकाशन किया गया । इस अवसर पर काठमांडू की कु. सानुथापा भी उपस्थित थीं ।

१. ६ से ७ किलोमीटर दूर से स्वयं आकर सहायता हेतु पूछताछ करनेवाले सनातन हिन्दू मोर्चा के सदस्य श्री. लोकनाथ पांडे !

१४ दिसंबर २०१४ को नेपाल में प्रवेश करने के उपरांत प्रथम भैरवा में २ स्थानों तथा बुटवल में ४ स्थानों पर संपर्क किए गए । भैरवा में सनातन हिन्दू मोर्चा के सदस्य श्री. लोकनाथ पांडे स्वयं ६ से ७ किलोमीटर दूरी पर स्थित भारत-नेपाल सीमापर  चलकर हमारी सहायता हेतु पहुंचे थे । उन्होंने वहां के विश्व हिन्दू  महासंघ के जनपद  सभापति श्री. सोमनाथ भट्टाराई से संपर्क करने हेतु सहायता की ।

इसके साथ ही श्री. पांडेजी ने बुटवल के निवृत्त प्राध्यापक और बुटवल मल्टिपल कॉम्प्लेक्स के डॉ. श्री. बाबूराम ज्ञवाली, ओम् परिवार महासंघ के अध्यक्ष श्री. बुद्धिप्रसाद शर्मा एवं नेपाल ज्योतिष परिषद की केंद्रीय कार्यकारिणी के नवनिर्वाचित सदस्य ज्योतिषाचार्य  श्री. जनार्दन न्यौपाने से भेंट करने में सहायता की ।

२. हिन्दू राष्ट्र नेपाल के कट्टर समर्थक श्री. बुद्धिप्रसाद शर्मा !

नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित करनेपर उसका निषेध करने हेतु श्री. बुद्धिप्रसाद शर्मा ने सबके विरोध का सामना कर नेपाल में हस्ताक्षर अभियान चलाया तथा भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल में प्रवेश करनेवालों के स्वागतार्थ ‘हिन्दू राष्ट्र नेपाल में आपका स्वागत है ।’, ऐसा फलक भी लगाया । वह फलक अभी तक वहां स्थित है ।

ज्योतिषाचार्य श्री. जनार्दन न्यौपाने का लुंबिनी दूरदर्शन पर प्रतिदिन ज्योतिष के विषय में कार्यक्रम होता है । उन्होंने हमारे निवास एवं भोजन आदि की व्यवस्था की थी ।

१५ दिसंबर २०१४ को बुटवल के लुंबिनी दूरदर्शन तथा नवलपरासी स्थित श्री पशुपति वैदिक आश्रम और श्री अरविंद आश्रम में कार्यक्रम हुए ।

३. लुंबिनी दूरदर्शन पर पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे के साक्षात्कार का प्रक्षेपण

१५ दिसंबर २०१४ को श्री. जनार्दन न्यौपाने ने उनके ज्योतिष विषय के सीधे प्रक्षेपण  कार्यक्रमों में पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी से संवाद किया । इस अवसरपर उन्होंने सनातन-निर्मित नेपाली भाषा के धर्मशिक्षा फलक ग्रंथ का महत्व श्रोताओं को बताया तथा यह ग्रंथ क्रय करने हेतु सीधे आवाहन किया । तत्पश्चात उन्होंने स्वयं १२० ग्रंथ क्रय किए तथा हिन्दुओं में वितरण करना प्रारंभ भी कर दिया ।

४. नेपाल कांग्रेस पक्ष के सांसद श्री. शशांक कोईराला और पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की उपाqस्थति में भागवत सप्ताह समापन कार्यक्रम मनाया गया !

१५ दिसंबर को नवलपराशी जनपद स्थित प्रगतिनगर के श्री पशुपति वैदिक वेदपाठ निवासी शाला की ओर से श्रीमद्भागवत महापुराण, महारुद्री तथा धनधान्याचल सप्ताह का आयोजन किया गया था । इस सप्ताह समापन के कार्यक्रम में भारत की हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे और संविधान सभा सदस्य और नेपाल कांग्रेस के सांसद श्री. शशांक कोईराला प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे ।

५. लघुग्रंथ ‘शक्ति’ का नेपाली भाषा में प्रकाशन

श्रीपशुपति वैदिक आश्रम के स्वामी श्री १०८ सच्चिदानंदपुरीजी महाराज के करकमलों से भारत की सनातन संस्था द्वारा निर्मित लघुग्रंथ ‘शक्ति’ का नेपाली भाषा में प्रकाशन किया गया । इस अवसर पर नेपाल के संगठन सनातन हिन्दू मोर्चा और राष्ट्रीय धर्मसभा नेपाल के अध्यक्ष प्राध्यापक डॉ. श्री. माधव भट्टराई ने उपस्थित लोगों को स्वयंस्पूâर्ति से लघुग्रंथ ‘शक्ति’ क्रय करने का आवाहन किया । इस कार्यक्रम में ३०० भक्त उपस्थित थे ।

स्वामी श्री १०८ सच्चिदानंदपुरीजी महाराज ने लघुग्रंथ ‘शाqक्त’ के विषय में कहा कि ‘‘यद्यपि यह लघुग्रंथ छोटा दिखाई दे रहा है, तथापि इसमें दिया गया ज्ञान विशेष है ।’’ इस समय पू. डॉ. पिंगळेजी ने कहा, ‘‘इस आश्रम के बालकों तथा आश्रम की व्यवस्था परिसर के गांव के लोग अर्पण देकर कर रहे हैं । हिन्दू धर्म की वर्णव्यवस्था के अनुसार ब्रह्मचर्य, वानप्रस्थ और  संन्यास आश्रम के लोगों का दायित्व गृहस्थाश्रम में रहनेवालों का होता है । उसका पालन कर आप सब धर्मपालन कर रहे हैं ।’’

६. नवलपरासी स्थित श्री अरविंद आश्रम द्वारा की गई सहायता

नवलपरासी स्थित श्री अरविंद आश्रम में हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं के रात्रि निवास एवं भोजन की व्यवस्था की गई थी । इस समय आश्रम के व्यवस्थापक और कुछ विद्यार्थियों ने सनातन- निर्मित ध्वनीचित्र-चक्रिका देखी तथा कार्य की जानकारी प्राप्त की ।

७. १६ दिसंबर २०१४ को अरविंद आश्रम,  चितवन और देवघाट में संपन्न कार्यक्रम

७ अ. अरविंद आश्रम के बालकों का मार्गदर्शन

नवलपराशी स्थीत श्री अरविंद आश्रम के बालकों को नेपाल की कु. सानुथापा ने नमस्कार का शास्त्र, हिन्दूधर्मानुसार जन्मदिन कैसे मनाना चाहिए ? प्रार्थना कैसे करनी चाहिए ?, इत्यादि धर्मपालन के सूत्रों के विषय में जानकारी दी । तत्पश्चात पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने बालकों  ‘योगी अरविंद क्रांतिकारी आंदोलनों से निकल कर साधनाकर इतने महान संत कैसे बने  तथा बालकों को साधना करना क्यों आवश्यक है’, इस विषय में मार्गदर्शन किया । इस कार्यक्रम में २५ बालक उपस्थित थे ।

७ आ. नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग करनेवाले हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए मार्गदर्शन

नारायणघाट, चितवन की ‘राष्ट्रीय धर्मसभा नेपाल’ के श्री. प्रकाश ढकाल और श्री. रामचंद्र पिया ने श्री गणेश मंदिर में नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग करनेवाले हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए मार्गदर्शन रखा था । इस अवसर पर पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा ‘‘पाश्चात्त्य देशों ने पृथ्वी को नष्ट करनेवाले संहारक अण्वास्त्र बनाए हैं; परंतु हिन्दू धर्म में बताए अनुसार नियमित अग्निहोत्र करने से इन अण्वास्त्रों से स्वयं की रक्षा कर सकने वाला सुरक्षाकवच निर्माण हो सकता है । ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की सीख देनेवाले धर्म को हटाकर यूरोपियन संघ धर्मनिरपेक्ष शासन स्थापित करने हेतु प्रयासरत हैं । इसलिए हिन्दूधर्म की रक्षा के लिए और हिन्दू राष्ट्र की निर्मिति के लिए साधनाकर सबको स्वयं में ब्राह्मतेज और क्षात्रतेज निर्माण करना चाहिए ।’’ इस समय राष्ट्रीय धर्मसभा नेपाल के अध्यक्ष डॉ. माधव भट्टाराई, श्री. धर्मराज बराल, तथा नारायणघाट के विश्व हिन्दूमहासंघ, हिन्दूजागरण नेपाल के संगठनों के सदस्यों सहित १३० हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे ।

७ इ. पृथ्वी नारायण शाह स्मृति प्रतिष्ठान, नारायण पोखरेल स्मृति प्रतिष्ठान सहित विविध संगठनों के कार्यकर्ताओं से संवाद देवघाट स्थित श्री हरिकीर्तन वैदिक धर्मशाला नारायणघाट के श्री. अखंड हरिकीर्तन बाबा की उपस्थिति में नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने हेतु प्रयासरत संगठनों से संवाद किया गया ।

पृथ्वीनारायण शाहस्मृति प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. जगत बहादुर पाठक, नारायण पोखरेल स्मृति प्रतिष्ठान के श्री. दीनबंधू पोखरेल, नेपाल कांग्रेस के श्री.हरिप्रसाद लुइटेल, सशस्त्र प्रहरी बल नेपाल के निवृत्त पुलिस उपमहानिरीक्षक श्री. ऋषभदेव भट्टाराई, श्री हरिकीर्तन वैदिक धर्मशाला के  सचिव श्री. फुलनाथ निउरे आदि २० हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे । इस समय सर्व  हिन्दुत्वनिष्ठों ने पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे जी से नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के संदर्भ में चर्चा की ।

इस अवसर पर पू. डॉ. पिंगळेजी ने कहा, ‘‘वर्तमान स्थिति में सबको अपने-अपने विचार, मतभेद इत्यादि भुलाकर हिन्दूराष्ट्र की स्थापना के लिए एक व्यासपीठ पर आना आवश्यक है । सर्वप्रथम संविधान से धर्मनिरपेक्ष यह शब्द हटाना चाहिए । तत्पश्चात नेपाल को ‘हिन्दूराष्ट्र’ घोषित करने के लिए एकत्रित आकर प्रयास करने की आवश्यकता है । यदि लोकतंत्र, प्रजातंत्र अथवा राजतंत्र में हिन्दू विभाजित हो जाएंगे तो ईसाई और माओवादी तोडें और मारें, यह नीति अपनाकर सफल हो जाएंगे एवं नेपाल को ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनाने में आनेवाली बाधाएं बढ जाएंगी । अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ नेताओं की निंदा कर अथवा आलोचना कर हम कभी बडे नहीं बन सकते, हमें बडा बनने के लिए अच्छा कार्य करना चाहिए । इसलिए सबको प्रयास करना आवश्यक है ।’’

८. गोरख बाजार, गोरखा दरबार और पर्बत जनपद ाqस्थत गलेश्वर महादेव मंदिर में १७ दिसंबर २०१४  को प्रबोधन

८ अ. गुरु गोरक्षनाथके साधनास्थल और कालीमाता का दर्शन कर हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए  प्रार्थना करना

हमने गुरु गोरक्षनाथके साधनास्थल पर स्थित गोरक्षगुफा और गोरक्षधुनी का दर्शन किया तथा भारत-नेपाल को हिन्दूराष्ट्र बनाने हेतु प्रार्थना की । वहां के महंत श्री. प्रमोदजी महाराज से भेंट की । उनसे निवेदन किया कि वह गोरक्षनाथ से भारत- नेपाल को हिन्दूुराष्ट्र बनने हेतु नियमित प्रार्थना करें । तत्पश्चात उन्होंने गोरक्ष गुफा के भीतर आकर दर्शन करने हेतु कहा तथा वहां की कालीमाता का दर्शन करवाया । उस समय उन्होंने भारत के गोवा राज्य स्थित सनातन आश्रम में आने का मनोरथ व्यक्त किया ।

८ आ. राष्ट्रीय धर्मसभा नेपाल के श्री. विष्णु अरियाल ने लोगों को संगठित कर कार्यक्रम करने का मनोरथ व्यक्त किया ।

गोरख दरबार टेकरी की तलहटी पर स्थित गोरख बाजार की राष्ट्रीय धर्मसभा नेपाल के श्री. विष्णु अरियाल से भेंट कर उन्हें कार्य की जानकारी दी गई । श्री. विष्णु अरियाल को उसी दिन अचानक गांव से बाहर जाना था; परंतु उन्होंने पत्नी को अकेले ही पहले भेज दिया तथा स्वयं हमसे भेंट करने हेतु रुके । उस समय उन्होंने कहा कि आगे अधिक लोगों को एकत्रित कर कार्यक्रम आयोजित करेंगे ।

गोेरखा बाजार से पर्वत जनपद के कुश्मा की राष्ट्रीय धर्मसभा नेपाल के श्री. सूर्यप्रकाश पौडेल से भेंट की । उस रात्रि को उन्होंने मुक्तिनाथ मार्गपर स्थित गलेश्वर महादेव में रात्रि निवास एवं भोजन की व्यवस्था की ।

९. पोखरा और काठमांडू यात्रा  (१८ दिसंबर २०१४)

अ. पोखरा में श्री विंध्यवासिनी मंदिर के महंत श्री निशेषानंदजी महाराज से भेंट की । विंध्यवासिनी देवालय उस क्षेत्र का जागृत और प्रसिद्ध देवालय है । महाराज ३ वेदपाठशालाओं का संचालन करते हैं । उस क्षेत्रमें सभी स्थानोंपर उनका कार्य है । हिन्दू जनजागृति समिति का कार्य समझ लेने के पश्चात उन्होंने कहा, ‘‘आप हमारे इस आश्रम में अथवा अन्य दोनों आश्रमों में कभी भी आ सकते हैं । आपके निवास एवं भोजन की व्यवस्था यहां करेंगे ।’’ अत्यंत अपनेपन से उन्होंने हमें भोजन एवं निवास हेतु आग्रह किया ।

आ. पोखरा के ज्योतिषाचार्य डॉ. श्री. बलराम उपाध्याय रेग्मी ज्योतिष विद्यालय के संस्थापक हैं तथा वह एक साप्ताहिक के संपादक भी हैं । हम उनके पास पहुंचे, उसी दिन उनका साप्ताहिक छपाई हेतु जाना था । कार्य में अत्यंत व्यस्त होते हुए भी उन्होंने हमसे भेंट की तथा भोजन हेतु आग्रह पूर्वक निमंत्रण भी दिया । उनकी विशेषता है कि वह अतिथियों के लिए बिना किसी की सहायता लिए स्वयं ही भोजन बनाते हैं । अंत में उन्होंने पूछा कि वह ज्योतिष के माध्यम से हिन्दू  राष्ट्र की स्थापना में किस प्रकार योगदान दे सकते हैं ।

इ. ‘नेपाली विलेज फ्रेंड्स’ संगठन की ओर से चलाए जानेवाले विद्यालय ‘आमाघर’ को पू. डॉ. पिंगळेजी ने सदिच्छा भेंट दी । इस समय ‘आमाघर’ के न्यासी श्री. गोविंद उपाध्याय के सहयोगी न्यासी श्री. मोती पौडेल ने आमाघर परियोजना के विषय में जानकारी दी । उन्होंने विद्यालय में धर्मशिक्षा देने अथवा विद्यार्थियों पर हिन्दू धर्म के संस्कार करने के विषय में भी पूछताछ की ।

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