कार्तिक शुक्लपक्ष ७, कलियुग वर्ष ५११५
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अधिवेशनमें संतोंकी वंदनीय उपस्थिति
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हिंदू हितरक्षाके लिए कार्य करनेका निश्चय !
‘हिंदू राष्ट्र’में अन्य पंथियोंपर कभी अन्याय नहीं होगा ! – रमेश शिंदे
हिंदुओंका संगठन, समानकृत्य कार्यक्रमका आयोजन तथा हिंदुओंका दिशादर्शन करना, ऐसा व्यापक दृष्टिकोण रखकर यह अधिवेशन आयोजित किया गया है । उसीप्रकार वर्ष २०१४ के चुनावोंकी दृष्टिसे हिंदुओंके लिए नीति निश्िचत की जाएगी । य सब इस अधिवेशनके माध्यमसे प्राप्त करना है । मंत्रियोंको देशप्रेमके लिए प्रतिज्ञा करनी पडती है; परंतु हिंदू देशप्रेमी होनेके कारण उन्हें कोई प्रतिज्ञा नहीं करनी पडती । ‘हिंदू राष्ट्र’ अन्य पंथियोंपर कभी अन्याय नहीं करेगा । ‘हिंदू राष्ट्र’में किसी प्रकारका जातीय अंतर नहीं, अपितु समान अधिकार होगा ।
सहस्रों सूचनापत्रोंके आनेपर भी श्रीराम सेना एवं हिंदू जनजागृति समिति भयभीत नहीं होगी ! – प्रमोद मुतालिक
आज ‘हिंदू अधिवेशन’ हो रहा है, तो इस संदर्भमें सरकारद्वारा सूचनापत्र भेजा जा रहा है । यदि मौलवी अथवा ईसाईयोंकी सभा आयोजित की गई, तो सूचनापत्र नहीं दिया जाता, क्योंकि उन्हें सोनिया गांधीका आधार होता है । आज एक नहीं, अपितु सहस्रों सूचनापत्र आए, तो भी श्रीराम सेना अथवा हिंदू जनजागृति समिति भयभीत नहीं होगी । वर्तमान समयमें ऐसा संदेह होता है, मानो सुशीलकुमार शिंदे पाकिस्तानके गृहमंत्री हों । आजकल मेरे नामकी भी बुराई की जा रही है । मेरे कार्यालयका, बेलगांवसे हुबळी, स्थानांतर करते समय ४-५ घरमालिकोंने मुझे अपना घर भी किराएपर नहीं दिया । हमारे एक अन्य कार्यकर्ताके नामसे मुझे वह लेना पडा । सरकार हिंदूनिष्ठोंकी मानहानि कर रही है । मैं एक हिंदू गुंडा हूं, इस प्रकारका वातावरण उत्पन्न किया गया है ।
प्रत्येक घरसे सैनिक उत्पन्न करें ! – पू. सेवालाल स्वामी
युवकोंको धर्माभिमानी एवं देशाभिमानी होना चाहिए । इसके लिए अपनी शिक्षा व्यवस्थामें शूर तथा राष्ट्रपुरुषोंके आदर्शवाले पाठ पढाए जाने चाहिए । प्रत्येक घरसे सैनिक उत्पन्न होने चाहिए । हिंदुओंकी धार्मिक आस्थाएं आहत न हों इस हेतु कानून एवं सुरक्षाकी व्यवस्था करनी चाहिए ।
हिंदुओंको संस्कारोंकी आवश्यकता ! – श्री. रवीश तंत्री कुंटारू
लोगोंमें जागृति करना ही अपना कार्य है । हिंदुओंको संस्कारोंकी शिक्षा न रहनेके कारण वे शापसे ग्रासित हो गए हैं । उनकी दुरवस्था हो गई है । इसलिए उन्हें संस्कारोंकी शिक्षा देना आवश्यक है ।