कार्तिक शुक्ल ७ , कलियुग वर्ष ५११५
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बहराइच – भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अवध क्षेत्र की अपनी बहुप्रतीक्षित रैली में कांग्रेस पर करारा हमला किया। कहा, लोकतांत्रिक रूप से मुझे हरा पाने में नाकामयाब रहने पर कांग्रेस ने पहले झूठे मामलों में फंसाने के लिए सीबीआइ का इस्तेमाल किया और इसके बाद मुझ पर हमला करने के लिए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन को खुली छूट दी। यह सब गुजरात में हुई लगातार हार के बाद किया गया। कांग्रेस ने मुझ पर कायर की तरह पीठ पीछे से वार करने की साजिश रची है।
शुक्रवार को यहां हुई विशाल जनसभा में नरेंद्र मोदी ने कहा, गुजरात में लगातार तीन बार की हार के बाद कांग्रेस को जब एहसास हो गया कि वह लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा और मोदी को नहीं रोक सकती, तो उसने इन गलत तरीकों का इस्तेमाल किया। यह इस्तेमाल अभी भी जारी है। अपनी बात को बल देने के लिए मोदी ने पटना में गत २७ अक्टूबर को भाजपा की रैली के दौरान हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का उल्लेख किया। इन धमाकों को अंजाम देने में इंडियन मुजाहिदीन का नेटवर्क सामने आया है।
ललकारने वाले अंदाज में मोदी ने कहा, जो लोग बम, बंदूक और पिस्तौल की राजनीति करते हैं-वे कान खोलकर सुन लें, मैं अलग तरह के मैटेरियल का बना हुआ हूं। आतंकवाद के आगे न कभी झुका हूं और न ही आगे कभी झुकूंगा। हम आतंकवाद को हराएंगे और उसे जड़ समेत उखाड़ फेंकेंगे। आतंकियों की गोलियां देश को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ने से नहीं रोक सकतीं। मोदी ने अपने विरोधियों को कायरों की तरह पीछे से वार न करके सामने आकर लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की चुनौती दी।
उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को निशाने पर लेते हुए मोदी ने कहा, वोटों की राजनीति के लिए भाजपा के दो विधायकों-संगीत सोम और सुरेश राणा को दंगों के मामले में जेल में डाला गया। लेकिन उन पर लगाए गए आरोप समीक्षा के दौरान टिक नहीं पाए। वे रिहा हो गए। आप उन पर फिर झूठे आरोप लगाएं-वे फिर निर्दोष साबित होंगे। भाजपा झूठे मामलों और उत्पीड़न से कमजोर होने वाली नहीं है। लेकिन सरकार मामले के असली गुनहगारों को गिरफ्तार नहीं कर रही है-उन्हें बचा रही है। मोदी ने कहा, सपा-बसपा और कांग्रेस का एक जैसा डीएनए है, जो केवल अपने फायदे वाले कार्य करता है। सपा और बसपा में इस बात की प्रतियोगिता रहती है कि कौन ज्यादा भ्रष्टाचार करे, कौन अपराधियों से ज्यादा फायदा उठाए। इसी के चलते दोनों पार्टियों ने केंद्र की संप्रग सरकार को समर्थन देने के दौरान एक भी बार उत्तर प्रदेश के हित की बात नहीं की। दोनों पार्टियों के नेता केवल इसलिए केंद्र सरकार को समर्थन देते रहे क्योंकि उन्हें अपने ऊपर सीबीआइ के मुकदमों से राहत चाहिए थी। इसके विपरीत तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने केंद्र का जब तक समर्थन किया, तब तक वह अपने प्रदेश पश्चिम बंगाल के हित की लड़ाई लड़ती रहीं।
..और अब यूपी के शहंशाह
बहराइच। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को शहजादे संबोधन से विवाद खड़ा करने वाले नरेंद्र मोदी शुक्रवार को रैली में नया शिगूफा छोड़ गए। निशाने पर मुलायम परिवार रहा। सीधा नाम न लेकर मोदी ने उन्हें 'यूपी के शहंशाह' कहकर संबोधित किया। अखिलेश यादव को विजन हीन मुख्यमंत्री बताया। प्रदेश में लायन सफारी स्थापित करने को लेकर चुटकी भी ली। अखिलेश द्वारा गुजरात से शेर मांगने को लिखी चिट्ठी का खुलासा करते हुए खिल्ली उड़ाई।
मोदी का कहना था पूर्ववर्ती सरकार की मुखिया का हाथी से लगाव रहा, अब शेर पाले जा रहे है। जनता की चिंता किसी को नहीं है। शेर के बजाय गाय मांगी होती तो किसानों की आय बढ़ती। बिजली आपूर्ति में मदद मांगते या अमूल डेरी जैसी स्थापित करने का अनुरोध किया होता उन्हें प्रसन्नता होती।
स्त्रोत : जागरण