कार्तिक शुक्ल ९ , कलियुग वर्ष ५११५
कर्नाटक राज्यस्तरीय ‘हिंदू अधिवेशन’
हुबली – पत्रकारोंद्वारा आयोजित पत्रकार परिषदमें स्वयंको बहुजन समाज पक्षका जनपद अध्यक्ष बताकर प्रसारमाध्यमोंको ‘श्रीराम सेनाके प्रमोद मुतालिकके नेतृत्वमें आयोजित ‘हिंदू अधिवेशन’का निषेध करनेके संदर्भमें आयोजित पत्रकार परिषदमें उपस्थित रहनेका निमंत्रण देनेवाले इरप्पा मादरकी पोल इसी पत्रकार परिषदमें खोली गई ।
१. यहांके पत्रकार भवनमें यह पत्रकार परिषद आयोजित की गई । इस अवसरपर इरप्पा मादरने उपस्थित व्यक्तियोंको स्वयंका जनपद अध्यक्ष, निंगप्पा मरगानूरका उपाध्यक्ष तथा डॉ. दस्तगीर मुल्लाका विजापुर जनपद उपाध्यक्षके रूपमें परिचय देकर पत्रकार परिषद आरंभ की ।
२. इस अवसरपर मादरने श्री. प्रमोद मुतालिकपर अनेक आरोप लगाकर कोई निश्चित कारण न बताते हुए हिंदू अधिवेशनका निषेध करनेके लिए कहा ।
३. पत्रकारोंद्वारा विविध प्रश्न पूछे जानेपर उन्होंने उत्तर देते हुए कहा, ‘अधिवेशनके विषयमें २-३ दिन पूर्व ही समाचारपत्रसे जानकारी मिली । इसमें कौन सम्मिलित हुआ, इसकी संपूर्ण जानकारी नहीं मिली ।’
४. पत्रकार परिषद चल रही थी । उसी समय बसपाके जनपद समन्वयक प्रेमनाथ व्यासपीठपर आकर विराजमान हुए ।
५. क्या बसपाके जनपदके पदाधिकारियोंका चुनाव हुआ है ?, ऐसा प्रश्न उन्हें पूछनेपर उन्होंने उत्तर दिया ‘नहीं’ ।
६. इस कारण संतप्त पत्रकारोंने मादरकी आलोचना की । चयन नहीं हुआ है, तो भी आप स्वयंको जनपद अध्यक्ष कैसे बताते हैं ? पत्रकार परिषद आमंत्रित करने हेतु मुद्रित लेटर हेडके उपयोगका क्या अर्थ है ? क्या यह धोखाधडी नहीं है , ऐसे प्रश्न करनेपर भी मादरने प्रथम कहा, ‘मैं ही जनपद अध्यक्ष हूं,’ परंतु पत्रकारोंद्वारा फटकारे जानेपर उन्होंने स्वीकार किया कि वे जनपद अध्यक्ष नहीं है । तत्पश्चात पत्रकारोंने पत्रकार परिषदका बहिष्कार किया एवं वहांसे निकल गए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात