माघ शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
देहली पुलिस के सभी दावों को पलटते हुए नैशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने लियाक़त शाह को क्लीन चिट दे दी है। देहली पुलिस की स्पेशल सेल ने २० मार्च २०१३ को लियाक़त की गिरफ़्तारी के बाद दावा किया था कि वह हिज़्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी हैं। इनकी निशानदेही पर जामा मस्जिद इलाके के होटल हाजी अराफ़ात से भारी मात्रा में विस्फोटक और असॉल्ट राइफ़ल बरामद की गई थी। सेल ने दावा किया था कि लियाक़त शाह देहली में त्यौहार के मौके पर सीरियल धमाकों की तैयारी कर रहे थे। इस केस में इस केस में एनआयए ने साबिर खान पठान के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल की है जिसे देहली पुलिस का मुख़बिर करार दिया गया है।
लियाक़त शाह की गिरफ़्तारी ने देहली से लेकर कश्मीर तक में सियासी उबाल पैदा कर दिया था। गिरफ्तारी के फौरन बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पूरे मामले में हस्तक्षेप किया था। उन्होंने दावा किया था कि J&K स्टेट की पुनर्वास नीति के तहत लियाक़त शाह अपने परिवार समेत वापस आ रहे थे। इन्हीं विवादों के चलते यह केस एनआईए को सौंप दिया गया था।
शुरुआती तफ्तीश के बाद एनआईए ने १७ मई को लियाक़त शाह को ज़मानत पर रिहा किया था। लेकिन अब इस मामले की तफ्तीश पूरी हो चुकी है। एनआईए ने कोर्ट में चार्जशीट दाख़िल कर दी है। इसमें लियाक़त पर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद पाया गया है।
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स